25 अप्रैल 2025, शुक्रवार को, पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली से लेकर श्रीनगर, हैदराबाद और गुवाहाटी तक, आम लोगों ने एकजुटता दिखाई। विशेष रूप से, जुमे की नमाज के दौरान कई शहरों की जामा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर नमाज के लिए पहुंचे। दिल्ली की जामा मस्जिद में भारी संख्या में लोग तिरंगा लेकर जुटे और भारत के समर्थन में नारे लगाए, जैसे “भारत माता की जय” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद।” पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए दुआएं भी की गईं।
कुछ पोस्टरों पर लिखा गया, “पाकिस्तान को हर घर से जवाब मिलेगा, आतंकवाद का विनाश हो,” जो पाकिस्तान को सीधा संदेश देता है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी काली पट्टी लगाकर नमाज के लिए पहुंचे, जिसने इस विरोध को और बल दिया। यह दिखाता है कि आतंकवाद के खिलाफ सभी समुदाय एकजुट हैं।
सरकार का सख्त रुख
भारत सरकार ने इस हमले के जवाब में कड़े कदम उठाए। 23 अप्रैल 2025 को, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की कि भारत 1960 की इंडस पानी संधि को तत्काल प्रभाव से “अनिश्चितकाल के लिए” रोक रहा है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल थे।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया, पाकिस्तानी उच्चायोग में स्टाफ को 55 से 30 तक कम कर दिया, अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। ये कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
राजनीतिक नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की और एकजुटता दिखाई। विपक्ष के नेता राहुल गांधी 25 अप्रैल 2025 को कश्मीर पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा।” जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने 24 अप्रैल 2025 को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें पहलगाम हमले की “नृशंस और अमानवीय” प्रकृति की निंदा की गई। इस बैठक में यह अपील की गई कि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, जो इस हमले के बाद उत्पीड़न का शिकार हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बयान में कहा, “फ्रांस इस दुख की घड़ी में भारत के साथ दृढ़ता से खड़ा है,” जो भारत को वैश्विक समर्थन दिखाता है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
पहलगाम हमले ने पर्यटन उद्योग को गहरा प्रभावित किया है। कई पर्यटक डर के मारे कश्मीर छोड़ रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। 25 अप्रैल 2025 को, दिल्ली समेत देश के 100 व्यापार संघों ने बंद का ऐलान किया, जो इस हमले के आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।
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तालिका: पहलगाम आतंकी हमले के मुख्य तथ्य
तिथि | स्थान | मृतक | घायल | जिम्मेदार समूह | सरकार का कदम |
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22 अप्रैल 2025 | बाइसरण घाटी, पहलगाम | 26 | 20+ | द रेसिस्टेंस फ्रंट | इंडस पानी संधि रद्द, राजनयिक कदम |
पहलगाम आतंकी हमला न केवल एक त्रासदी है, बल्कि यह भारत की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों का विरोध, सरकार के कड़े कदम और अंतरराष्ट्रीय समर्थन यह दिखाते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है। यह हमला हमें याद दिलाता है कि शांति और सुरक्षा के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
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