भारत ने सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अगस्त डिलीवरी वाला सोना ₹2,011 या 2.04% उछलकर ₹1,00,403 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया। यह पहली बार है जब घरेलू बाजार में सोना ₹1 लाख के पार गया है।इस तेजी का प्रमुख कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव है। इज़राइल और ईरान के बीच जारी सैन्य झड़पों ने निवेशकों को शेयर बाजार से निकालकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर मोड़ा है, जिनमें सोना सर्वोपरि है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार स्पॉट
गोल्ड की कीमतें वैश्विक बाजार में $3,427.36 प्रति औंस तक पहुँच गई हैं, जो करीब 1.3% की वृद्धि को दर्शाता है। डॉलर में कमजोरी (₹86.13 प्रति डॉलर) और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण सोने की चमक बढ़ी है।
विश्लेषकों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज़ के कमोडिटी विश्लेषक जतिन त्रिवेदी के अनुसार, “अगर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो यह तेजी और लंबी हो सकती है। निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी की सलाह दी जाती है।”
निवेशकों के लिए संकेत
वर्तमान परिस्थिति में सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनकर उभरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतें ₹98,000 के समर्थन स्तर के ऊपर बनी रहेंगी और ₹1,01,000 तक जा सकती हैं।
सोने की ऊंची कीमतों का घरेलू बाज़ार पर असर
सोने की कीमतों में आई इस बड़ी उछाल का असर आम उपभोक्ताओं और ज्वेलरी कारोबारियों पर भी साफ़ दिख रहा है। सर्राफा बाजारों में मांग घटती नजर आ रही है क्योंकि उच्च दामों के चलते खरीदारों ने हाथ खींच लिए हैं। शादी-ब्याह के सीजन में यह तेजी ग्राहकों के बजट पर सीधा असर डाल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहा, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं, जिससे गहनों की बिक्री पर और ज्यादा असर पड़ेगा। ऐसे हालात में निवेशकों और व्यापारियों दोनों को सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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