बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में रिश्तों की गर्माहट और प्रोफेशनल जलन के बीच एक महीन रेखा होती है, जो कभी-कभी गहरी दरार बन जाती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला था दो दमदार अभिनेत्रियों रेखा और अरुणा ईरानी के बीच — जिनकी दोस्ती ने कई फिल्मों में दर्शकों का दिल जीता, लेकिन समय के साथ उनके बीच कड़वाहट भी पनपी।
एक दौर की दो मजबूत अदाकाराएं
रेखा, जिन्हें हिन्दी सिनेमा की आइकॉनिक एक्ट्रेसेज़ में गिना जाता है, और अरुणा ईरानी, जिन्होंने सहायक भूमिकाओं में भी जान फूंक दी, दोनों ही 70 और 80 के दशक की बेहद चर्चित अदाकारा थीं। उन्होंने ‘औरत’, ‘भगवान दादा’ और ‘कश्मकश’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया, लेकिन पर्दे के पीछे की उनकी कहानी कुछ अलग ही थी।
‘औरत’ में काटा गया अरुणा का दमदार रोल
अरुणा ईरानी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म ‘औरत’ में उन्हें एक सेंट्रल रोल मिला था, जो किसी भी कलाकार का सपना होता। लेकिन फिल्म के बनने में छह साल लग गए और अंत में उनका रोल बुरी तरह काट दिया गया।
“रेखा जी नहीं चाहती थीं कि मेरा रोल ज्यादा अच्छा दिखे,”
अरुणा ने कहा।
यह सुनकर फैन्स के लिए यह जानना चौंकाने वाला था कि पर्दे पर एकता दिखाने वाली ये अभिनेत्रियां निजी स्तर पर संघर्ष से जूझ रही थीं।
‘मंगलसूत्र’ से बाहर कर दी गईं अरुणा
1981 की फिल्म ‘मंगलसूत्र’ में अरुणा को साइन किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें फिल्म से हटा दिया गया — और वह भी रेखा के कहने पर। जब अरुणा ने वजह पूछी, तो जवाब और भी चौंकाने वाला था।
“रेखा ने कहा कि अगर तुम इमोशनल रोल अच्छा करोगी तो मैं फिल्म में वैम्प लगूंगी।”
यह सुनकर अरुणा को गहरा झटका लगा, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को सार्वजनिक आलोचना का मुद्दा नहीं बनाया।
‘सुपर नानी’ को लेकर विवाद
फिल्म ‘सुपर नानी’, जिसमें रेखा ने मुख्य भूमिका निभाई थी और जिसे अरुणा ईरानी ने डायरेक्ट किया था, बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई। इसके लिए अरुणा ने रेखा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि रेखा ने फिल्म को प्रमोट करने के बजाय खुद के पुराने रोमांस और गानों को प्रमोट किया।
संघर्ष से सफलता तक
अरुणा ईरानी ने अपने करियर की शुरुआत 1961 में फिल्म ‘गंगा जमुना’ से एक बाल कलाकार के रूप में की थी। उन्होंने छोटे-छोटे रोल्स से शुरुआत की और बाद में ‘बॉबी’, ‘रॉकी’, ‘सरगम’, ‘बेटा’ जैसी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई। फिल्मों के बाद उन्होंने टीवी की दुनिया में कदम रखा और ‘कहानी घर घर की’, ‘मायका’ जैसे सीरियल्स में काम किया।
भले ही दोनों के बीच समय-समय पर मतभेद हुए, लेकिन अरुणा आज भी रेखा को अपनी दोस्त मानती हैं। उनकी यह कहानी बताती है कि बॉलीवुड में रिश्तों की चमक के पीछे अक्सर गहरे और जटिल अनुभव छुपे होते हैं।
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