Kolkata Rape Case के मामले में पुलिस ने SIT का गठन किया है। कोलकाता के लॉ कॉलेज में 25 जून को गैंगरेप का मामला सामने आया है जिसको लेकर प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि वह इस मामले की जांच कर अपराधी को सजा दे।
Kolkata Rape Case में तेज़ हुई जांच, SIT का गठन
कोलकाता में स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। Kolkata Rape Case की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है जिसके द्वारा आरोपी को सजा दिलाई जाएगी। इस टीम का नेतृत्व एसीपी प्रदीप कुमार घोषाल कर रहे हैं जिसमें तीन आरोपी है, दो छात्र और एक पूर्व छात्र जो फिलहाल 1 जुलाई तक हिरासत में बंद है।
पीड़िता के द्वारा दिए गए बयान में या बताया गया कि कालेज परिसर के अंदर ही उसे एक सुनसान कमरे में ले जाकर पहले धमकाया गया फिर उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया। इसके साथ ही घटना का वीडियो भी बनाया और उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की।

मेडिकल रिपोर्ट और सबूतों ने बढ़ाई आरोपियों की मुश्किल
मेडिकल जांच के दौरान मेडिकल रिपोर्ट्स या पुष्टि हुई है कि पीड़िता के शरीर पर जबरदस्ती के निशान जैसे नाखून के निशान और काटने के निशान है। इससे मामले की गंभीरता को लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटनास्थल पर कॉलेज परिसर में मौजूद सीसीटीवी फुटेज और पीड़िता के बयान आदि जैसे सबूत को पुलिस के द्वारा निकाला जा रहा है। साथी परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड की भूमिका अभिषेक के घेरे में है पुलिस ने गार्ड पिनाकी बैनर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया है जिसने पहले बयान में घटना की जानकारी गलत बताई है।
राजनीतिक माहौल गरमाया, महिला सुरक्षा पर उठे सवाल
Kolkata Rape Case को लेकर राजनीतिक पार्टियों की भी अलग-अलग सोच सामने आ रही है बीजेपी ने इसे राज्य प्रायोजित अपराध घोषित किया है और टीएमसी सरकार पर बोला। इसके साथ ही कांग्रेस और अन्य दलों ने भी इस घटना की काफी निंदा की है। इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना के संदर्भ में राज्य पुलिस से 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
कोलकाता रेप केस ने एक बार फिर समाज के सामने या सवाल ला दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों में महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? Sit के गठन और एसीपी के नेतृत्व में जांच की रफ्तार भले ही तेज हो गई है लेकिन जनता को उम्मीद है कि इस मामले में सख्त न्याय होगा।
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