देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में शामिल श्री जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार एक दुखद घटना का गवाह बन गई। रविवार तड़के करीब 4:30 बजे जब हजारों श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर के सामने दर्शन के लिए जमा हुए, तो अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के चलते वहां भगदड़ मच गई।
इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज पुरी जिला अस्पताल में जारी है।
हादसे का विवरण
घटना श्रधाबली इलाके के पास हुई, जब दर्शन के लिए भीड़ बेकाबू हो गई। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, आपातकालीन सेवाएं तुरंत शुरू की गईं और एंबुलेंस से घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन कुछ चश्मदीदों का कहना है कि प्राथमिक प्रतिक्रिया बेहद धीमी थी।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
- बसंती साहू (बोलागढ़)
- प्रेमकांत मोहंती
- प्रवती दास (बालीपटना)
तीनों श्रद्धालु खुर्दा जिले से आए हुए थे।
स्थानीय लोगों और परिजनों की नाराज़गी
घटना के बाद से स्थानीय नागरिक और पीड़ित परिवारों में रोष है। एक श्रद्धालु, जिनकी पत्नी की हादसे में मौत हो गई, ने मीडिया से कहा,
“जब हादसा हुआ, किसी भी जिम्मेदार विभाग ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं दी—ना फायर ब्रिगेड, ना प्रशासन, और ना ही अस्पताल की टीम।”
वहीं, पुरी निवासी स्वाधीन कुमार पंडा ने आरोप लगाया कि VIP रूट को लेकर प्रबंधन में भारी चूक हुई थी।
“आम लोगों को एंट्री गेट से ही बाहर निकालने की कोशिश की गई, जिससे भारी दबाव बन गया।”
प्रशासन की पूर्व चेतावनी के बावजूद चूक
28 जून को ही ओडिशा के ADG लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार ने अनुमान जताया था कि इस साल 10–12 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ पुरी में उमड़ेगी। बावजूद इसके, कई श्रद्धालुओं का कहना है कि भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक कंट्रोल पूरी तरह नाकाम रहा।
रथ यात्रा अब सवालों के घेरे में
पुरी की श्री जगन्नाथ रथ यात्रा सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथों में विराजमान कर श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। इस दौरान लाखों की भीड़ सड़कों पर उमड़ती है।
लेकिन इस बार, यह श्रद्धा का उत्सव, शोक का कारण बन गया। यह हादसा प्रशासन की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण को लेकर गहन समीक्षा की मांग करता है।
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