गम्भीरा पुल ध्वस्त, वाहन नदी में गिरे
महेसागर नदी पर बना लगभग 40‑43 वर्ष पुराना गम्भीरा-मुजपुर पुल बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे भारी वर्षा और संभवतः निर्माण में कमी के कारण अचानक ढह गया। इस हादसे के समय कई वाहन पुल से गुजर रहे थे, जिनमें ट्रक, वैन, एसयूवी एवं ऑटो‑रिक्शा शामिल थे ।
जानमाल की भारी क्षति
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कम से कम 9–10 लोग इस त्रासदी में मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं।नॉशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF), SDRF, पुलिस, दमकल और स्थानीय लोग राहत एवंबचाव कार्य में जुटे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
पुल के मलबे और पानी में कई वाहनों तथा संभवतः फंसे लोगों को खोजा जा रहा है। बचाए गए कम से कम पाँच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अधिकारियों का कहना है कि तेल इंजन क्षेत्र में जल गहराई अपेक्षाकृत कम है, जिससे बचाव कार्य में सहायता मिल रही है ।
जांच और राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है । विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसे “रोकथाम योग्य त्रासदी” बताया ।
बढ़ती चिंताएँ: पुरानी संरचनाओं की सुरक्षा
गुजरात की पुरानी संरचनाओं की सुरक्षा को लेकर यह एक चिंताजनक संकेत है। 2022 में अभी इसी राज्य में एक शताब्दी पुराने केबल पुल के ध्वस्त होने से 132 लोगों की मौत हो चुकी है । अब विशेषज्ञों ने आविष्कार किया है कि राज्य में ऐसे सभी पुलों का तात्कालिक निरीक्षण और मरम्मत करना आवश्यक हो गया है।
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