हमारे भारत देश में 2008 से लेकर 2017 तक के बीच जन्मे करीब डेढ़ करोड़ बच्चे अब Asthma Risk in Children को लेकर गंभीर खतरे से जूझ रहे हैं विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते वायु प्रदूषण एलर्जी और इलाज की कमी के चलते छोटे-छोटे बच्चों में अस्थमा के लक्षण देखे जा रहे हैं यह रिपोर्ट हेल्थ एक्सपर्ट और ग्लोबल रिसर्च डाटा पर आधारित है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य हेल्थ संगठनों के मुताबिक भारत में बच्चों को अस्थमा की शुरुआती लक्षण जैसे सिटी जैसी आवाजों के साथ सांस आना, लगातार खांसी और सीने में जकड़न होना यह सभी लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं लेकिन अगर समय पर इसका इलाज नहीं होता है तो यह एक गंभीर बीमारी बन सकती है।
अस्थमा का खतरा क्यों बढ़ रहा है?
बढ़ती प्रदूषण के कारण हमारे भारत में अस्थमा का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत में अस्थमा की खतरे बढ़ने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है।

वायु प्रदूषण
खास तौर पर शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण देखने को मिलता है शहरी इलाकों में जहरीली हवा बच्चों के फेफड़े को काफी ज्यादा प्रभावित कर रही है।
गंभीर एलर्जी
धूल और धुएं से एलर्जी होने की संभावनाएं बढ़ती है जिस कारण भी अस्थमा होने का खतरा रहता है।
इलाज को लेकर भ्रांतियां
दरअसल इनहेलर और दावों से जुड़ी कुछ गलतफहमियों के कारण भी इलाज में देरी होती है जिस कारण अस्थमा जैसी बीमारी हो जाती है।
कम जागरूकता
हमारे माता-पिता और स्कूलों में हमें अस्थमा के प्रति जागरूक नहीं किया जा रहा है इसलिए भी अस्थमा वाले बच्चों की संख्या ज्यादा है।
क्या हो सकते हैं नतीजे?
Asthma Risk in Children के बारे में अगर समय रहते उपाय नहीं किया गया तो बच्चों में अस्थमा की बीमारी स्थाई रूप से हो जाएगी जिससे बच्चों के फेफड़ों में क्षति तो होगी ही बल्कि इसके साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई और खेलकूद में भी समस्या आने लगेगी और जीवन भर चलने वाली दवाई उनकी जरूरत बन जाएगी।
समाधान क्या है?
- सबसे पहले बच्चों में अस्थमा की शुरुआती लक्षण की पहचान करें।
- डॉक्टर की सलाह पर रोजाना इनहेलर का उपयोग करें।
- स्कूलों में स्वास्थ्य जांच एवं अस्थमा के बारे में जागरूकता संबंधित प्रोग्राम चलाना चाहिए।
- प्रदूषण नियंत्रण एवं साफ सफाई पर खास तौर पर ध्यान देना होगा।
भारत में Asthma Risk in Children की समस्या तेजी से गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है जिसका सही समय पर इलाज होना जरूरी है।
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