जम्मू कश्मीर की राजधानी के कर्णनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गत सोमवार को शुरु हुई मुठभेड़ बीती रात करीब चार घंटे बंद रहने के बाद मंगलवार की सुबह पुन: शुरु हो गई। इस बीच, शहीद सीआरपीएफ कर्मी मुजाहिद खान का पार्थिव शरीर पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ हवाई जहाज के जरिए पटना,बिहार भेजा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीआरपीएफ कैंप के नजदीक स्थित इमारत में 4 आतंकी अभी भी छिपे हुए हैं जिन्होंने एक बार फिर कैंप में हमले की कायराना कोशिश की। हालांकि सुरक्षाबलों ने उनकी कोशिश को नाकाम करते हुए इमारत में जोरदार धमाका किया। उधर, सुंजवान आर्मी कैंप से एक और जवान का शव मिला है। इस तरह सुंजवान हमले में अबतक 6 जवान शहीद हो गए हैं।
सीआरपीएफ के आईजी ऑपरेशन जुल्फिकार हसन ने एनकाउंटर जारी रहने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि एनकाउंटर में इस बात का ख्याल रखना पड़ रहा है कि नागरिकों और संपत्ति को नुकसान न पहुंचे। करण नगर में फिलहाल दोनों ओर से रह-रहकर फायरिंग हो रही है। सीआरपीएफ जवानों ने बिल्डिंग को घेर लिया है।
बता दें कि सुंजवान में सेना के कैंप में आतंकी हमले के बाद सोमवार को आतंकियों ने श्रीनगर के करण नगर स्थित सीआरपीएफ कैंप में हमले की कोशिश की थी। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में यहां भी सीआरपीएफ के एक जवान भी शहीद हो गए सोमवार को करण नगर में सीआरपीएफ कैंप से गोलाबारी की आवाज सुनी गई थी, जिसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की। इन आतंकियों को सुबह हथियारों के साथ कैंप के पास देखा गया था। जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सोमवार की तड़के एक सीआरपीएफ शिविर पर हमले की फिराक में आए आतंकियों को सतर्क जवानों की त्वरित कार्रवाई से जान बचाकर भागना पड़ा था। फिलहाल, पूरे शहर में अलर्ट लगा हुआ है।
सीपीआरएफ कैंप के पास सोमवार को 2 हथियारबंद आतंकी देखे गए थे। उन लोगों के पास बैग और AK47s थी। आतंकी सीपीआरएप कैंप की ओर जा रहे थे। जवानों ने उन्हें देखते ही गोलियां चलाई जिसके बाद दोनों आतंकी वहां से भाग गए। आतंकियों की ये नाकाम कोशिश सुबह करीब 4.30 बजे की गई थी। बता दें कि श्रीनगर में बर्फबारी दोबारा शुरू हुई है, जिसका फायदा आतंकी उठाना चाहते हैं। आतंकियों ने हमले के लिए श्रीनगर के कर्णनगर इलाके में स्थित सीआरपीएफ की 23वीं वाहिनी के मुख्यालय को चुना था। संबधित अधिकारियों ने बताया कि आज तड़के करीब साढ़े चार बजे स्वचालित हथियारों से लैस दो आतंकी जिनकी पीठ पर पिटठु बैग भी थे। संतरी ने दो युवकों को जब अंधेरे में शिविर की तरफ आते देखा तो उसे कुछ संदेह हुआ। उसने अपने अन्य साथियों को सचेत करते हुए चेतावनी देते हुए दोनों आतंकियों को रुकने व अपनी पहचान बताने के लिए कहा।
संतरी द्वारा देख लिए जाने पर दोनों आतंकियों ने वहीं अपनी पोजीशन ले गोली चलाई। लेकिन संतरी ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। अपने मंसूबे को नाकाम होते देख दोनों आतंकी अपनी जान बचाते हुए वहां से भाग निकले। सीआरपीएफ के जवानों ने भाग रहे आतंकियों पर पीछे से भी गोली दागी थी। बताया जाता है कि आतंकियों ने भागने के लिए किसी मोटरसाईकल का इस्तेमाल किया है। गोलियों की आवाज से पूरे कर्णनगर में सनसनी फैल गई। सीआरपीएफ के जवानों ने उसी समय पुलिस के साथ मिलकर पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। लेकिन आतंकियों का सुराग नहीं मिला।
इस घटना के बाद पूरे शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया और शहर में विभिन्न जगहों पर पुलिस व अर्धसैनिकबलों के जवानों ने हिमपात के बावजूद नाके लगा संदिग्ध तत्वों और वाहनों की जांच पड़ताल भी शुरु कर दी। बता दें कि शनिवार की सुबह सेना के कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसका जवानों ने मुहतोड़ जवाब दिया, लेकिन इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए, वहीं एक आम नागरिक को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया था। यह हमला शनिवार सुबह करीब पांच बजे हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऑपरेशन करीब 51 घंटे चला। जवानों ने चार आतंकियों को मार गिराया। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।
जैश-ए-मोहम्मद ने ली जिम्मेदारी
यह हमला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने करवाया था। सुंजवां आतंकी हमले का मास्टरमाइंड रउफ असगर है। रउफ मौलाना जैश-ए-मोहम्मद का चीफ आतंकी मसूद अजहर का भाई है। फरवरी के पहले हफ्ते में रउफ ने भाई मौलाना मसूद अजहर के साथ हिजबुल के चीफ सैयद सलाउद्दीन से मिला था और 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरु की बरसी के दिन दोनों ने हमले को अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी।