#MeToo जैसे अभियान के चलते अब कुछ पुरुषों ने भी #MenToo अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत पुरुष महिलाओं द्वारा किये जाने वाले यौन शोषणों का खुलासा करेंगे। इस अभियान के चलते वो पुरुष अपनी आवाज दुनिया तक पहुंचाएंगे जो अभी तक अपनी आवाज को दबाए बैठे थे। इस कैंपेन की खास बात यह है कि इसमें ज्यादा पुरानी घटनाओं को तवज्जो न देकर हाल ही में हुई घटनाओं को उठाया जा रहा है। टाइम्स नाउ के अनुसार, इसकी शुरुआत शनिवार को गैर सरकारी संगठन चिल्ड्रंस राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) ने की है। इन लोगों में फ्रांस के एक पूर्व राजनयिक पास्कल मजूरियर भी शामिल हैं, जिन्हें 2017 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया था।
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#MeToo जैसे अभियान के चलते अब कुछ पुरुषों ने भी #MenToo अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत पुरुष महिलाओं द्वारा किये जाने वाले यौन शोषणों का खुलासा करेंगे। इस अभियान के चलते वो पुरुष अपनी आवाज दुनिया तक पहुंचाएंगे जो अभी तक अपनी आवाज को दबाए बैठे थे। इस कैंपेन की खास बात यह है कि इसमें ज्यादा पुरानी घटनाओं को तवज्जो न देकर हाल ही में हुई घटनाओं को उठाया जा रहा है। टाइम्स नाउ के अनुसार, इसकी शुरुआत शनिवार को गैर सरकारी संगठन चिल्ड्रंस राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) ने की है। इन लोगों में फ्रांस के एक पूर्व राजनयिक पास्कल मजूरियर भी शामिल हैं, जिन्हें 2017 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया था।क्रिस्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार वी ने कहा कि समूह लैंगिक तटस्थ कानूनों के लिए लड़ेगा। उन्होंने मांग की कि #MeToo अभियान के तहत झूठे मामले दायर करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। यह उल्लेख करते हुए कि #MeToo एक अच्छा आंदोलन है, उन्होंने हालांकि कहा कि झूठे आरोप लगाकर किसी को फंसाने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि #ManToo आंदोलन #MeToo आंदोलन का जवाब देने के लिए नहीं है, बल्कि यह पुरुषों की समस्याओं का समाधान करेगा जो महिलाओं के अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोलते हैं। पास्कल ने कहा, ‘‘पुरुषों के पास असली दुख है…वे भी पीड़ित हैं, लेकिन वे महिलाओं और अपने दुराचारियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।”पत्रकारों से बात करते हुए बाद में उन्होंने कहा कि मी टू में जहां पीड़िताएं दशकों पहले हुए यौन उत्पीड़न की बात बता रही हैं। वहीं इसके विपरीत मैन टू आंदोलन में हालिया घटनाओं को उठाया जाएगा। मी टू आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि यौन उत्पीड़न का मामला सच्चा है तो पीड़िताओं को सोशल मीडिया पर आने की जगह कानूनी कार्रवाई का सहारा लेना चाहिए।
क्रिस्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार वी ने कहा कि समूह लैंगिक तटस्थ कानूनों के लिए लड़ेगा। उन्होंने मांग की कि #MeToo अभियान के तहत झूठे मामले दायर करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। यह उल्लेख करते हुए कि #MeToo एक अच्छा आंदोलन है, उन्होंने हालांकि कहा कि झूठे आरोप लगाकर किसी को फंसाने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि #ManToo आंदोलन #MeToo आंदोलन का जवाब देने के लिए नहीं है, बल्कि यह पुरुषों की समस्याओं का समाधान करेगा जो महिलाओं के अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोलते हैं। पास्कल ने कहा, ‘‘पुरुषों के पास असली दुख है…वे भी पीड़ित हैं, लेकिन वे महिलाओं और अपने दुराचारियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।”
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