By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Thursday, 16 Oct 2025
  • MY BOOKMARK
  • INTERESTSNew
  • CONTACT US
  • BLOG INDEX
Subscribe
Dastak India Transparent mobile new logo
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • खेल
    • विचार
    • हरियाणा
  • 🔥
  • देश
  • होम
  • मनोरंजन
  • social media
  • टेक
  • bjp
  • खेल
  • video
  • police
  • bollywood
Font ResizerAa
Dastak IndiaDastak India
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विचार
Search
  • My Interests
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dastak India. All Rights Reserved.
Dastak India > Home > देश > इन विरांगनाओ ने महज 15 साल की उम्र में किया था महान काम
देशहोम

इन विरांगनाओ ने महज 15 साल की उम्र में किया था महान काम

Dastak Web Team
Last updated: December 15, 2018 2:10 pm
Dastak Web Team
Share
SHARE

हमारे देश के इतिहास ने ऐसे बहुत से नायक-नायिकाओं को भूला दिया है जिनका जज्बा और हिम्मत सलाम करने योग्य है। आज हम हर जगह फेमिनिज्म के नाम का बाजा बजते हुए देखते हैं लेकिन इतिहास में कुछ ऐसी नायिकाए थी जो फेमिनिज्म का सही उदाहरण है। कलकत्ता में जन्मी शांति घोष और सुनिता चौधरी हमारे देश की दो स्वतंत्रता सेनानी थीं जिन्होंने महज 15 और 14 साल की उम्र में मजिस्ट्रेट बी जी स्टीवेंसन की हत्या कर दी थी।

सर्दी में खुद को बीमारियों से बचाने के लिए खाएं ऐसी हेल्दी चीजें

आजादी की लड़ाई की ये वीरांगनाए फैजुन्निसा बालिका विद्यालय की छात्रा थी।14 दिसम्बर 1931 को कुमारी शांति घोष और कुमारी सुनीति चौधरी ने मजिस्ट्रेट बी जी स्टीवेंसन से मिलने की अनुमति मांगी|  जब उनसे मिलने का कारण पूछा गया तो बताया कि वो लडकियों की तैराकी प्रतियोगिता के सन्दर्भ में उनसे कुछ बात करना चाहती हैं। मजिस्ट्रेट के कमरे में पंहुचते ही उन्होंने गोली चला दी और स्टीवेंसन की वहीं मृत्यु हो गई। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फरवरी 1932 में उन्हें आजन्म काला पानी का दंड हुआ। सत्तावनी क्रांति के बाद यह पहली घटना थी जिसमे किसी महिला ने राजनीतिक हत्या की थी।

बाद मे शांति घोष ने कहा कि उन्हें बहुत दुख है कि उन्हें फांसी की सजा नहीं दी गई। उनका सपना था कि आजादी की लड़ाई में वो शहीद हो जाएं। महज 15 साल की उम्र में जेल जाना और वहाँ पर शारिरिक एवम मानसिक अत्याचार को झेलने के लिए बहुत ही हिम्मत चाहिए। 1939 में, उनकी सजा के सात साल के बाद, उन्हें गांधी और ब्रिटिश भारत सरकार के बीच माफी वार्ता के कारण रिहा कर दिया गया।

 

TAGGED:ब्रिटिश सरकारमैजिस्ट्रेटशांति घोषसुनिती चौधरी
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article सर्दी में खुद को बीमारियों से बचाने के लिए खाएं ऐसी हेल्दी चीजें
Next Article Johnson & Johnson, Baby Products, Baby Powder, जॉनसन एंड जॉनसन सावधान! जॉनसन बेबी पाउडर से हो सकता है कैंसर

दस्तक इंडिया की खबरों की समझ

दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow
- Advertisement -
Ad image

Popular Posts

Japan ने सेक्स क्राइम के लिए बनाया नया कानून, दोषी व्यक्ति को मिलेगी ये कड़ी सज़ा

सेक्स क्राइम को लेकर जापान का कानून रूढ़िवादी विचारधाराओं से प्रेरित है। जिसके बदवाव की…

By Dastak Web Team

Viral Video: अगर पत्रकार बनने की चाह रखने वाला बन जाए पुलिसकर्मी, तो क्या होगा देखिए

आपने किसी पत्रकार को रिपोर्टिंग करते हुए बहुत बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी…

By Dastak Web Team

अच्छे लोग क्यों सहते हैं दुख? कर्मों के इस खेल पर भगवद गीता का जवाब

क्या आपने कभी सोचा कि अक्सर अच्छे लोग ही दुख क्यों सहते हैं, जबकि गलत…

By अजय चौधरी

आप ये भी पढ़ें

भगवान शिव
देशधर्म

भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिर: आस्था, रहस्य और चमत्कार

By अंजली रावत
देश

Delhi Metro Viral Video: देर रात Delhi Metro की महिला कोच में हुआ कुछ ऐसा कि आपको भी आएगा गुस्सा, देखें Viral Video हुआ

By रुचि झा
लोंगेवाला युद्ध
देश

लोंगेवाला युद्ध संग्रहालय: रेगिस्तान में वीरता की अमर गाथा

By अंजली रावत
देश

भारतीय जनसंख्या संकट नहीं, अवसर है: जाने पीएफआई की रिपोर्ट,जनसंख्या को लेकर नई सोच

By कनक जोशी
Dastak Logo Small
Facebook Twitter Google-plus Wordpress Wordpress

About US

दस्तक इंडिया एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट खबर वेबसाइट है जहाँ हमलोग ताजा खबरें देश, विदेश ओर बिज़नेस, एंटरटेनमेंट ट्रेवल, रिलिजन, जीवन शैली, क्राइम, राजनीती, इत्यादि आप तक पहुंचाते हैं।

हम लोग एक टीम है पत्रकारिता से जुड़े हुए जिनका मक़सद है लोगों तक सही खबर पहुंचना बिना किसी डर , बिना किसी के फेवर किये हुए।

© Dastak India News Website. All Rights Reserved.

 

Contact Us

Disclaimer 

Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Email Address*

I accept the terms and conditions

Zero spam, Unsubscribe at any buzzstream.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?