हैदराबाद के 8 साल के समन्यु पोथुराजु ने फिर से एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। अफ्रीका में सबसे ऊँची चोटी चढ़ने के बाद समन्यु पोथुराजु ने अब ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट कोसियसकोको पर चढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने अपनी माँ लावण्या और बहन के साथ पाँच लोगों की टीम के साथ 12 दिसंबर को यह उपलब्धि हासिल की है।
पोथुराजू ने इस चढाई के बाद एएनआई को बताया कि वो अब तक चार पहाड़ों पर चढ़ चुके हैं। उनका कहना है कि अब वो जापान में माउंट फ़ूजी को चढने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वो बड़ा होकर एयर अॉफिसर बनना चाहते हैं। तेलंगाना राज्य के हथकरघा बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने चढ़ाई के दौरान तेलंगाना के बुनकरों द्बवारा बुनी हुआ फ्लैग साथ लेकर गए थे। उनकी माँ का कहना है कि, “हर शिखर सम्मेलन के लिए, हमारी टीम के सदस्य एक योजना बनाते हैं। उनका मानना है कि पहाड़ों की चढ़ाई के दौरान कुछ पॉजीटिव अवेयरनेस का प्लान बनाकर चलते हैं। वो किसा एक अच्छे कारण के साथ पहाड़ों पर जाना चाहते हैं। इस बार उन्होंने हथकरघा बुनकरों को सपोर्ट करने की योजना बनाई थी।”
आपको बता दें कि उनका यह अभी नहीं शुरु हुआ है। इस साल की शुरुआत में, पोथुराजु ने अपने कोच और अपनी माँ के साथ, तंजानिया में माउंट किलिमंजारो की उहुरू चोटी पर भी चढ़ाई पूरी की थी। इसके अलावा अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी पर भी जा चुके हैं। उन्होंने 2 अप्रैल को समुद्र तल से 5,895 मीटर की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया था।
हिजाब हटाने से मना करने पर परीक्षा में बैठने से किया इनकार
हैदराबाद के 8 साल के समन्यु पोथुराजु ने फिर से एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। अफ्रीका में सबसे ऊँची चोटी चढ़ने के बाद समन्यु पोथुराजु ने अब ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट कोसियसकोको पर चढ़ाई पूरी कर ली है। उन्होंने अपनी माँ लावण्या और बहन के साथ पाँच लोगों की टीम के साथ 12 दिसंबर को यह उपलब्धि हासिल की है।पोथुराजू ने इस चढाई के बाद एएनआई को बताया कि वो अब तक चार पहाड़ों पर चढ़ चुके हैं। उनका कहना है कि अब वो जापान में माउंट फ़ूजी को चढने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वो बड़ा होकर एयर अॉफिसर बनना चाहते हैं। तेलंगाना राज्य के हथकरघा बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने चढ़ाई के दौरान तेलंगाना के बुनकरों द्बवारा बुनी हुआ फ्लैग साथ लेकर गए थे। उनकी माँ का कहना है कि, “हर शिखर सम्मेलन के लिए, हमारी टीम के सदस्य एक योजना बनाते हैं। उनका मानना है कि पहाड़ों की चढ़ाई के दौरान कुछ पॉजीटिव अवेयरनेस का प्लान बनाकर चलते हैं। वो किसा एक अच्छे कारण के साथ पहाड़ों पर जाना चाहते हैं। इस बार उन्होंने हथकरघा बुनकरों को सपोर्ट करने की योजना बनाई थी।”आपको बता दें कि उनका यह अभी नहीं शुरु हुआ है। इस साल की शुरुआत में, पोथुराजु ने अपने कोच और अपनी माँ के साथ, तंजानिया में माउंट किलिमंजारो की उहुरू चोटी पर भी चढ़ाई पूरी की थी। इसके अलावा अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी पर भी जा चुके हैं। उन्होंने 2 अप्रैल को समुद्र तल से 5,895 मीटर की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया था।