अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती है। तमाम अटकलों पर विराम देते हुए गेबार्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे 2020 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी, लेकिन जल्द ही इसके संबंध में मैं आधिकारिक घोषणा करूंगी।
गेबार्ड की इस घोषणा के बाद आपको यह जानना जरूरी है कि अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी हिंदू को अमेरिका के किसी दल की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी मिलेगी। अगर गेबार्ड 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं, तो वे अमेरिका की पहली महिला और सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी।
हार के डर से एक दूसरे का मुंह न देखने वाले गठबंधन कर साथ आ रहे है- अमित शाह
अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती है। तमाम अटकलों पर विराम देते हुए गेबार्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे 2020 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी, लेकिन जल्द ही इसके संबंध में मैं आधिकारिक घोषणा करूंगी।गेबार्ड की इस घोषणा के बाद आपको यह जानना जरूरी है कि अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी हिंदू को अमेरिका के किसी दल की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी मिलेगी। अगर गेबार्ड 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं, तो वे अमेरिका की पहली महिला और सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी।खबरों के अनुसार, डेमोक्रेट पार्टी की नेता तुलसी ने कहा कि मैंने चुनाव लड़ने का सोच लिया है। जल्द ही इसके संबंध में मैं आधिकारिक घोषणा करूंगी। साथ ही, चुनाव के प्रमुख मुद्दों में शामिल हेल्थ केयर की सब तक पहुंच, आपराधिक और जलवायु परिवर्तन को मुद्दा बनाते हुए गेबार्ड ने कहा कि मेरे लिए यह निर्णय लेने के कई कारण हैं। अमेरिकी लोगों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, जिनके बारे में मुझे चिंता है और जिन्हें मैं हल करने में मदद करना चाहती हूं।खबरों की माने तो, अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए गेबार्ड ने कहा कि सबसे मुख्य मुद्दा है, जो हमेशा केंद्र में रहता है वह है युद्ध और शांति का मुद्दा। जब मैं चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा करूंगी, तो इसपर गहराई से बात करूंगी। साथ ही, गेबार्ड फिलहाल अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में कार्यरत हैं। गबार्ड भारतीय नहीं हैं। उनके पिता समोआ मूल के कैथोलिक माइक गबार्ड हैं जो हवाई के राज्य सीनेटर रहे हैं। उनकी मां काकेशियाई मूल की करोल पोर्टर गबार्ड हैं जो हिंदू धर्म का पालन करती हैं।आपको बता दे कि खुद गबार्ड ने युवावस्था में हिंदू धर्म अपनाया। अगर गबार्ड राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी करती हैं तो वह ऐसी दावेदारी करने वाली अब तक की किसी भी पार्टी की पहली हिंदू नेता होंगी।
खबरों के अनुसार, डेमोक्रेट पार्टी की नेता तुलसी ने कहा कि मैंने चुनाव लड़ने का सोच लिया है। जल्द ही इसके संबंध में मैं आधिकारिक घोषणा करूंगी। साथ ही, चुनाव के प्रमुख मुद्दों में शामिल हेल्थ केयर की सब तक पहुंच, आपराधिक और जलवायु परिवर्तन को मुद्दा बनाते हुए गेबार्ड ने कहा कि मेरे लिए यह निर्णय लेने के कई कारण हैं। अमेरिकी लोगों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, जिनके बारे में मुझे चिंता है और जिन्हें मैं हल करने में मदद करना चाहती हूं।
खबरों की माने तो, अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए गेबार्ड ने कहा कि सबसे मुख्य मुद्दा है, जो हमेशा केंद्र में रहता है वह है युद्ध और शांति का मुद्दा। जब मैं चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा करूंगी, तो इसपर गहराई से बात करूंगी। साथ ही, गेबार्ड फिलहाल अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में कार्यरत हैं। गबार्ड भारतीय नहीं हैं। उनके पिता समोआ मूल के कैथोलिक माइक गबार्ड हैं जो हवाई के राज्य सीनेटर रहे हैं। उनकी मां काकेशियाई मूल की करोल पोर्टर गबार्ड हैं जो हिंदू धर्म का पालन करती हैं।
ISRO चेयरमैन ने किया ऐलान, 2021 तक पूरा करेंगे गगनयान मिशन