आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी किया। कांग्रेस ने इस मेनिफेस्टो में वादा किया कि सत्ता में आने के सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा की जाएगी। वही, अब बीजेपी पार्टी भी इसका विरोध कर रही है। लेकिन बीजेपी भी कांग्रेस की तरह ही AFSPA की समीक्षा का वादा कर चुकी है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में किया गया वादा
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि वह सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 में सुरक्षा बलों के अधिकारों और नागरिकों के मानवाधिकारों में संतुलन बनाने के लिए संशोधन करेगी और जबरन लापता किए जाने, यौन हिंसा और यातना में मिली छूट (इम्युनिटी) को हटाएगी। बता दें कि AFSPA कानून के तहत सेना को कुछ विशेष अधिकार मिले हैं। सेना किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और हिंसा की स्थिति में फायरिंग भी कर सकती है।
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर AFSPA की समीक्षा का चुनावी घोषणा में वादा किया है। बीजेपी ने इस पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी खतरनाक वादे कर रही है और उसके मेनिफेस्टो में ऐसा एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं।
बीजेपी ने भी किया था 2014 चुनावों में वादा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन हुआ था और दोनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था, उसमें AFSPA की समीक्षा करने की बात थी। महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि पीडीपी ने बीजेपी के साथ अपने गठबंधन के एजेंडे में जिस मुद्दे को शामिल किया था, उसका समर्थन करके कांग्रेस ने बड़ा साहस दिखाया है। इसका मतलब साफ है कि AFSPA को लेकर कांग्रेस जो वादा इस बार के लोकसभा चुनाव में कर रही है। बीजेपी उसे पहले ही कर चुकी है।
Congress has shown great courage by endorsing issues PDP incorporated in its agenda of alliance with BJP. Revocation of AFSPA, not fiddling with JK constitutional provisions & holding unconditional dialogue .The roadmap PDP envisages is the only solution for a peaceful J&K pic.twitter.com/HddumNZZZK
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 2, 2019
इसके बावजूद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है। इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं। यह राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं। जो कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय लिया था वह ऐतिहासिक भूल थी। उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता है। उस एजेंडो को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है।
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अरुण जेटली ही नहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी AFSPA को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि मैं कांग्रेस प्रमुख से पूछना चाहता हूं। क्या वह सशस्त्र बलों को मजबूत करना चाहते हैं या क्या वह उनके मनोबल को गिराने की कोशिश कर रहे हैं? AFSPA पर वह क्या संदेश देना चाहते हैं?
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