17वीं लोकसभा के चुनाव इस बार 7 चरणों में हो रहे हैं। अब तक 6 चरणों पर वोटिंग हो चुकी है। आखिरी और 7वें चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान 19 मई को होंगे। इसके बाद 23 मई को काउंटिंग होगी और पता चलेगा कि वो 543 लोग कौन हैं, जिन्हें जनता ने संसद भेजने के लिए चुना है।
इन चुनावों के नतीजों से पहले यही कयास लगाए जाने लगे हैं कि किसकी जीत होगी? किस पार्टी की कितनी सीटें आएंगी? बेताबी इतनी है कि जनता से लेकर राजनीतिक दलों के नेता तक जानना चाहते हैं कि आखिर सेहरा किसके माथे पर सजेगा? मतगणना से पहले तो वास्तविक परिणाम बताए नहीं जा सकते, लेकिन लोगों की जिज्ञासा को कैसे शांत किया जाए, इसके लिए रास्ता निकाला गया और वह है एग्जिट पोल का रास्ता। 19 मई को ही टीवी चैनलों पर शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल आने लगेंगे।
वही, सोशल मीडिया पर दलों के जीत-हार को लेकर लोग सियासी कयास लगा रहे हैं। कोई ओपिनियल पोल, कोई चुनावी सर्वे तो कोई पर्सनल ओपिनियन दे रहा है, लेकिन सबसे सटीक आकलन एग्जिट पोल का होता है। इसमें यह पता चल जाता है कि किस पार्टी के पक्ष में हवा चल रही है। कौन-सा दल इस चुनाव में बाजी मारेगा? आइए आपको बताते हैं कि आखिर एग्जिट पोल होते क्या हैं? कैसे निकलते हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?
यहां समझिए चुनावी सर्वे का गणित
एग्जिट पोल से पहले समझिए चुनावी सर्वे को। क्योंकि एग्जिट पोल इसी प्रक्रिया से होकर गुजरता है। तो मोटा-मोटा यह है कि चुनाव के दौरान निर्वाचकों, वोटर से बातचीत अलग-अलग राजनीतिक दलों, कैंडिडेट्स की जीत-हार के पूर्वानुमानों के आकलन की एक पूरी प्रक्रिया होती है, जिसे चुनावी सर्वे कहा जाता है। ये सर्वे अलग-अलग तरह के होते हैं और आधार भी अलग-अलग होता है। इसी में शामिल होते हैं एग्जिट और ओपिनियन पोल।
जाने क्या है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल हमेशा मतदान पूरा होने के बाद ही दर्शाए जाते हैं। लेकिन अगर चुनाव एक चरण से ज्यादा हो तो जो आखिरी चरण होता है, उस दिन मतदान पूरा होने के बाद इसके नतीजे दिखाए जाते हैं। लेकिन उससे पहले हर चरण के मतदान के दिन डाटा इकट्ठा किया जाता है।
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मसलन, मौजूदा लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहा है। ऐसे में एग्जिट पोल के लिए हर चरण की वोटिंग के बाद डाटा इकट्ठा किया गया। वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट डालकर निकल रहा होता है, तब उससे पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया। इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं। इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं। आमतौर पर टीवी चैनल वोटिंग के आखिरी दिन एग्जिट पोल ही दिखाते हैं।
जैसे मान लीजिए कि 19 मई को 7वें चरण की वोटिंग खत्म हो जाएगी और शाम 7 बजे आप टीवी पर जो चुनावी सर्वे देखेंगे वो एग्जिट पोल ही होगा। इसमें हर चरण की वोटिंग के बाद किए गए सर्वे शामिल होंगे। इसमें यह दिखाया जाता है कि कौन-से दल के प्रत्याशी जीत रहे हैं और किस दल के प्रत्याशी हार रहे हैं।
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किसने की एग्जिट पोल की शुरुआत
एग्जिट पोल शुरू करने का श्रेय नीदरलैंड के एक समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम को जाता है। उन्होंने 15 फरवरी, 1967 को पहली इसका इस्तेमाल किया था। नीदरलैंड में हुए चुनाव में उनका आकलन सटीक बैठा था। जबकि भारत में इसकी शुरुआत का श्रेय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के मुखिया एरिक डी कोस्टा को जाता है। चुनाव के दौरान इस विधा द्वारा जनता के मिजाज को परखने वाले वे पहले व्यक्ति थे।
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