आने वाले समय में आपके मासिक खर्चे में फिर से बढ़ोतरी होने वाली है यानी कि अब महीने में राशन पर आपके और अधिक पैसे खर्च होंगे। भारतीय परिवारों का महीने का खर्चा पिछले महीनों के मुकाबले अब बढ़ता ही जा रहा है। जनवरी के महीने से मूल्य वृद्धि ने लाखों भारतीय परिवारों का मासिक खर्चा बढ़ा दिया है, एक साल के निचले स्तर पर मुद्रास्फीति गिरने के 1 महीने बाद ही।
लेकिन सवाल यह है कि मासिक किराने का खर्च फिर से क्यों बढ़ रहा है? खुदरा विक्रेता और व्यापारी कई आवश्यक वस्तुओं जैसे-दूध, चावल, आटा, चीनी और अन्य चीजें जैसे बुनियादी खाद्य पदार्थों के साथ ताजा कीमतों में वृद्धि का श्रेय उच्च उत्पादन लागत, घरेलू उत्पादन की कमी, निर्यात की बढ़ती मांग, कमजोर आपूर्ति और मुद्रास्फीति में निरंतर वृद्धि को देते हैं।
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कौन से खाद्य पदार्थों की बढ़ रही है कीमत-
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है कि पिछले कुछ महीनों में दूध के दामों में 14 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस मूल्यवृद्धि को दूध संचालक के और उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। पिछले महीने से इस महीने की शुरुआत में इनके कीमतों में वृद्धि की गई थी, अमूल ने ताजा दूध पर ₹3 प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इस संशोधन के बाद से अमूल दूध की कीमत ₹66 प्रति लीटर है। अन्य ब्रांडों के दूध ने भी अपनी कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है।
चावल की कीमत-
यदि देखा जाए तो 1 महीने में चावल के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। इस दौरान बासमती राइस की कीमतों में 15% की बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों ने इसका कारण घरेलू उत्पादन में कमी और बढ़ती निर्यात की मांग को बताया है। बासमती चावल की कीमत में दिसंबर 2022 से लेकर जनवरी 2023 मैं लगभग इसकी कीमत में ₹105 प्रति किलो हो गई है।
गेहूं यानी कि आटे की कीमत-
गेहूं के स्टॉक के केंद्रीय पुल को उतारने में देरी के कारण आटे की कीमत में वृद्धि हुई है। भारतीय खाद्य निगम ने खतरनाक प्रवृत्ति को देखते हुए घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और गेहूं और आटा की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयासों के तहत ई-नीलामी के दूसरे दौर में थोक में खरीदारी करने वालों को 3.85 लाख टन गेहूं बेचा है।
दाल की कीमत-
इस साल के उत्पादन में गिरावट की उम्मीद के कारण अरहर दाल जैसी कुछ दाल की कीमतों को भी बढ़ा दिया गया है। यहां तक कि अंडे की कीमतों को भी बढ़ाया गया है।
आप इस बात पर गौर कर सकते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का 40 प्रतिशत है, यह जनवरी के महीने में 5.94 प्रतिशत हो गई, जो कि पिछले महीने 4.19 प्रतिशत थी। महंगाई दर में सबसे तेज उछाल अनाज श्रेणी में देखने को मिला है। अनाज श्रेणी में 16.12 फीसदी देखा गया है, वही पिछले महीने में यह 13.79 फीसदी था।
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