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Dastak India > Home > बिजनेस > GI को बढ़ावा देने के लिए पात्र एजेंसियों को वित्तीय सहायता देगी सरकार
बिजनेस

GI को बढ़ावा देने के लिए पात्र एजेंसियों को वित्तीय सहायता देगी सरकार

Dastak Web Team
Last updated: March 12, 2023 10:13 pm
Dastak Web Team
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Rice Export
Photo source - Google
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सरकार भौगोलिक संकेत (GI) उत्पादों के प्रचार पहल करने के लिए पात्र एजेंसियों को अब वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने GI को बढ़ावा देने के लिए शुरुआत करने के लिए वित्तीय सहायता के लिए निर्देश जारी किए हैं।

DPIIT वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की एक शाखा है जो निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPRs) से जुड़ी हुई है। एक GI एक प्रकार का IPR जोकि मुख्य रूप से एक कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होता है। आमतौर पर ऐसा नाम लोगों को गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो अनिवार्य रूप से इसके मूल स्थान के कारण होता है।

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GI टैग में कौन-कौन से सामान शामिल है?

GI टैग की प्रसिद्ध सामानों में चंदेरी फैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग्स, इलाहाबाद सुर्खा, फर्रुखाबाद प्रिंट्स, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर वॉलनट वुड कार्विंग, बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय शामिल हैं।

DPIIT ने क्या कहा-

राष्ट्रीय IPR नीति के उद्देश्यों के अनुसार, भारत सरकार GIके प्रचार के लिए पहल करने के लिए पात्र एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी इसका उद्देश्य यह है कि जीआई के महत्व और इसकी विशिष्टता के बारे में जागरूकता पैदा करना, पंजीकृत भारतीय GI को बढ़ावा देना, संभावित GI की पहचान करना है। और पंजीकरण के लिए हितधारकों को प्रोत्साहित करें, यह सारी बातें DPIIT ने एक नोट में कहा। इस नोट में यह कहा गया कि इसका उद्देश्य जीआई हितधारकों को विभिन्न मंच प्रदान करना है जिससे उन्हें व्यवसाय को विकसित करने और आय सृजन करने का पर्याप्त अवसर मिलें।

इस पहल में GI सामान उत्पादकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, उनकी आजीविका की स्थिति और अन्य संबंधित जानकारी शामिल होगी, जो उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेपों को तैयार करने में सहायता प्रदान करेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि GI को बढ़ावा देने के लिए शुरुआत करने के लिए सहायता में 100 प्रतिशत अनुदान के रूप में पात्र एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। सहायता का संवितरण वास्तविक खर्च या शीर्ष-वार अधिकतम अनुमेय राशि जिस भी सहायता अनुदान के लिए कम हो, जैसा कि परिचालन दिशानिर्देशों में उल्लिखित है यह उसके अधीन होगा।

पात्र एजेंसियों पर कहा गया कि विभाग भारतीय राजनयिक मिशनों या अपनी एजेंसी के साथ या देश के शीर्ष उद्योग मंडलों और उनके विदेशी समकक्षों के साथ संयुक्त रूप से देश के अंदर और साथ ही विदेशों में GI के प्रचार के लिए पहल कर सकता है।

जब किसी उत्पाद को GI टैग मिल जाएगा उसके पश्चात कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम के तहत समान वस्तु नहीं बेच सकता है। यह टैग 10 वर्ष की अवधि के लिए वैध है जिस के बाद इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है। जीआई पंजीकरण के बाकी फायदों में वस्तु के लिए कानूनी सुरक्षा, दूसरों के द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम करता है और इसके अंतर्गत निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।

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TAGGED:Basmati RiceDarjeeling teaDPIITGIindiaIndian governmentKangra tea
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