Heart Disease: पिछले कुछ सालों से लोगों में हार्ट डिजीज की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पहले इसे बुजुर्ग लोगों से जोड़कर देखा जाता था, जो बुजुर्ग लोग होते थे, उनमें यह समस्या ज्यादातर देखने को मिलती थी। लेकिन कुछ सालों में 40 से कम उम्र के लोगों में यह आम हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हार्ट से संबंधित बीमारियां वैश्विक स्तर पर मौत का कारण बन रही हैं। क्योंकि यह हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोगों की जान ले लेती है। कुछ समय पहले तक हार्ट से जुड़ी समस्याएं बढ़ती उम्र की वजह से होती थी। लेकिन आज के समय में हमारी बदलती लाइफस्टाइल के चलते यह कम उम्र में देखने को मिल रही है। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
हार्ट डिज़ीज़ के मुख्य कारण(Heart Disease)-
हमारी अनहेल्दी लाइफस्टाइल में अनहेल्दी फूड और शारीरिक गतिविधियों का कम होना, तंबाकू और शराब जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करना जोखिम का मुख्य कारण हैं। इन आदतों से हमारा ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है, साथ ही ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहता और मोटापे जैसी समस्याएं हो जाती है। हार्ट डिजीज के बारे में विकसित होती समझ के मुताबिक, हार्ट डिजीज से बचने के लिए हमें अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करना चाहिए और कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं है, तो इससे आपको हार्ट स्ट्रोक और नसों में ब्लॉकेज जैसी समस्याएं हो सकती है। हार्ट डिजीज के चलते क्रॉनिक और किडनी संबंधी समस्याओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
अन्हेल्दी लाइफस्टाइल(Heart Disease)-
युवाओं में हार्ट से संबंधित बीमारियां, शारीरिक गतिविधि का कम होना और अन्हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना है। हमारे दैनिक जीवन में हम कैसी लाइफस्टाइल को चुनते हैं, यह हमारे स्वास्थ्य पर असर डालता है। कामकाजी व्यक्तियों के बीच चिंता होना, एक डेस्क पर बैठे-बैठे बहुत ज्यादा समय बिताना, अस्वस्थ भोजन और व्यायाम की आदतों को से दूर भागना बिमारी का कारण बनते हैं। इससे मोटापे की समस्या भी होती है। लेकिन इससे हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन जैसी समस्या होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
कैसे करें बचाव-
हेस्टैक एनालिस्ट की ग्रोथ और हेड ऑफ सांइटिस्ट सपोर्ट डॉक्टर अपर्णा भानुशाली का कहना है, कि अनहेल्थी फूड और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते ही दिन पर दिन यह समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। व्यक्तियों को अच्छी लाइफस्टाइल को पहचानना चाहिए और चिंताजनक चीजों ढंग से निपटने के लिए शारीरिक गतिविधियां को प्राथमिकता देनी चाहिए। आपको संतुलित आहार खाना चाहिए और अपने हार्ट का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही हार्ट से संबंधित बीमारियों का एक प्रमुख कारण तनाव भी है, जो अक्सर बिज़ी लाइफ और बढ़ते कॉम्पटीशन से होता है।
तनाव कैसे करें कम-
यह बढ़ा हुआ तनाव हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन जाता है और अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया, तो ज्यादा समय होने पर हार्ट डिजीज का खतरा बन जाता है। इससे बचने के लिए आप पुराने तनाव को कंट्रोल करें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह एक हेल्दी हार्ट की ओर स्मार्ट कदम होगा। आपको अपने हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए इसके पीछे के कारणों की पहचान करनी चाहिए। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल के लेवल की निगरानी करना और ज़रुरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखाना ज़रुरी है। हृदय स्वास्थ्य संबंध समस्याओं का शुरुआत में इलाज कर लेना चाहिए।
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हृदय रोगों के जोखिम कैसे करें कम-
इससे हृदय रोगों के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर मिलती है। इनके शुरुआती लक्षणों की बात की जाए, तो इसमें सीने में तकलीफ, सांस की तकलीफ होना शामिल है। इसके साथ ही आपको अपने दिल की धड़कन पर भी नजर रखनी चाहिए। जिससे हेल्डी जीवन शैली बनाए रखने की दिशा में सक्रिय कदम उठाए जा सकें। इस समय हार्ट डिज़ीज़ युवाओं को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि जागरूकता बढ़ाने और जीवन शैली में बदलाव करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर हम अपनी लाइफस्टाइल में संबंधित कारकों और आनुवंशिक परिवर्तन दोनों से निपट सकते हैं। हमे अच्छी ज़िंदगी के लिए अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए। जिससे हमारे हार्ट के साथ-साथ हमारा स्वास्थ भी अच्छा रह सके।
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