HMPV Virus: सोमवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV वायरस के भारत में तीन मामले सामाने आए। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोगों की चिताओं को दूर करने के लिए एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, कि यह कोई नया वायरस नहीं है। उन्होंने इस वीडियो में नागरिकों को घबराने की बजाय शांत रहने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, कि यह वाइरस पहली बार 2001 में पहचाना गया था और कई सालों से विश्व स्तर पर मौजूद है।
स्थिति पर बारीकी से नज़र (HMPV Virus)-
वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया, कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है और जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है, कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान साल 2001 में ही हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। एचएमपीवी हवा के जरिए सांस में जाता है, यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है, साथ ही यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीने में ज्यादा फैलता है।
एचएमपीवी वायरस-
रिपोर्ट्स की मानें, तो एचएमपीवी नाम का यह वायरस चीन के राज्यों में तेजी से फैला रहा है। जिसकी वजह से हजारों लोग ऑक्सीजन सिलेंडर और आईसीयू बेड की तलाश में अस्पताल में लाइन लगाए हुए खड़े हैं। सबसे पहले 2001 में इस वाइरस को पहचाना गया था। विशेषज्ञों का मानना है, कि यह वायरस संभावित दशकों से मानव आबादी में फैला रहा है। जिसमें रेस्पिरेट्री सिंसिटिइटल वायरस जैसे अन्य श्वसन रोग जनक शामिल हैं।
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सभी आयु समूह के व्यक्ति प्रभावित-
वहीं यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने एचएमपीवी को एक श्वसन वायरस के रूप में वर्गीकृत किया है, जो ऊपरी और निचले शोषण संक्रमण का कारण बनता है। सीडीसी के मुताबिक, यह वायरस मुख्य रूप से सभी आयु समूह के व्यक्तियों को प्रभावित करता है। जिसमें बुजुर्ग, छोटे, बच्चे और कमजोर प्रतीक्षा प्रणाली वाले सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इस वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए सीडीसी ने यह स्पष्ट किया है, कि वर्तमान में एचएमपीवी संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरस उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
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