Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने फेज-4 परियोजना में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर हैदरपुर बदली मोर स्टेशन के पास मेट्रो नेटवर्क का सबसे ऊंचा बिंदु पूरा कर लिया गया है। यह 490 मीटर लंबा खंड पियर नंबर 340 पर 28.362 मीटर की रेल लेवल ऊंचाई पर स्थित है, जो पिंक लाइन पर धौला कुआं के पिछले 23.6 मीटर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देता है।
Delhi Metro इंजीनियरिंग चमत्कार का प्रदर्शन-
इस ऊंचाई को प्राप्त करना DMRC के इंजीनियरों के लिए कोई आसान काम नहीं था। इस एलिवेटेड सेक्शन का निर्माण बेहद सावधानीपूर्वक योजना और क्रियान्वयन के साथ किया गया, खासकर क्योंकि यह हैदरपुर बदली मोर पर पहले से चालू येलो लाइन के ऊपर से गुजरता है।
मेट्रो सेवाओं में किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, DMRC ने चरणबद्ध तरीके से काम किया। इसमें मौजूदा ट्रैक के ऊपर स्टील स्पैन की स्थापना भी शामिल थी, जिससे निर्माण के दौरान मेट्रो का संचालन बिना किसी रुकावट के जारी रह सके।
“यह दिल्ली मेट्रो के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमने बिना किसी यात्री सेवा में व्यवधान के यह काम पूरा किया है,” DMRC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
Delhi Metro विशेष तकनीकी चुनौतियों का समाधान-
पियर के निर्माण को तीन चरणों में पूरा किया गया। जगह की कमी के कारण, इंजीनियरों ने वैकल्पिक सपोर्ट सिस्टम के रूप में मैकालॉय बार्स का उपयोग किया, जिससे निर्माण प्रक्रिया के दौरान स्थिरता और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
इतना ही नहीं, DMRC ने हैदरपुर बदली मोर स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग पर 52.288 मीटर लंबा स्टील स्पैन भी स्थापित किया है। यह संरचना 27.610 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचती है, जिससे यह दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में दूसरा सबसे ऊंचा बिंदु बन गया है।
“मेट्रो वायाडक्ट और सक्रिय रेलवे ट्रैक के बीच संकीर्ण स्थान के कारण इस प्रोजेक्ट में अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता थी। हमारे इंजीनियरों ने इसे बखूबी अंजाम दिया है,” DMRC के प्रवक्ता ने कहा।
Delhi Metro शहरी परिवहन का नया अध्याय-
मैजेंटा लाइन के इस विस्तार से दिल्ली के शहरी परिवहन परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू होगा। इससे यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और यात्रा समय कम होगा।
“फेज-4 परियोजना दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को आधुनिक, सुरक्षित और कुशल परिवहन विकल्प प्रदान करने के हमारे मिशन का हिस्सा है,” DMRC के प्रबंध निदेशक ने कहा।
इस नई ऊंचाई से न केवल मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे DMRC शहरी गतिशीलता को आगे बढ़ाने के लिए नवीन समाधानों के माध्यम से चुनौतियों का सामना कर रहा है।
यात्रियों के लिए क्या होगा फायदा-
इस नए मार्ग के चालू होने से दिल्ली के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग तक के सफर में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा, जिससे रोजाना यात्रा करने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
“मैं रोज बदली से जनकपुरी जाता हूं और मुझे अभी कई बार मेट्रो बदलनी पड़ती है। नई लाइन से मेरा सफर आसान और तेज़ हो जाएगा,” रमेश नाम के एक नियमित यात्री ने बताया।
इसके अलावा, नए रूट से दिल्ली के कई महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
भविष्य की योजनाएं-
DMRC की योजना फेज-4 परियोजना को समय पर पूरा करने की है, जिसमें कई नए कॉरिडोर शामिल हैं। इन नए मार्गों से दिल्ली मेट्रो नेटवर्क और भी व्यापक हो जाएगा, जिससे शहर के अधिक हिस्सों को कवर किया जा सकेगा।
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“हम अपने नेटवर्क को और अधिक कुशल, सुरक्षित और यात्री-अनुकूल बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। फेज-4 पूरा होने के बाद, दिल्ली के पास दुनिया के सबसे व्यापक मेट्रो नेटवर्क में से एक होगा,” DMRC के अधिकारी ने जोड़ा।
निश्चित रूप से, दिल्ली मेट्रो की यह नई उपलब्धि न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि यह शहरी परिवहन के विकास में भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।
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