भारतीय मूल की एक वैज्ञानिक ने एक ऐसा सेंसर बनाया है जिसके जरिए मुश्किल हालात में आसपास के लोगों और जान-पहचान के लोगों को मैसेज भेजकर अर्ल्ट किया जा सकता है। इस सेंसर को कपड़े पर स्टीकर की तरह लगाया जा सकता है। इस सेंसर में एक ब्लूट्रुथ लगा है जो कि स्मार्टफोन एप से जुड़ा होता है। सेंसर का एक वीडियो भी एमआईटी मीडिया लैब की तरफ से यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया है जिसे 2 लोग से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
यह सेंसर मनीषा मोहन ने बनाया है जो कि MIT (Massachusetts Institute of Technology) की स्टूडेंट हैं। यह सेंसर जबरन शरीर से कपड़ों को हटाने की गतिविधि को भांपकर आसपास को लोगों, दोस्तों और परिवार वालों को मैसेज भेजता है। यह सेंसर दो तरीके से काम करता है – पैसिव और एक्टिव मोड में।
पैसिव मोड में यह मैनुअली काम करता है। लड़की इसका बटन दबाकर आसपास के लोगों को अलर्ट कर सकती है। अलर्ट भेजने पर तेज अलार्म बजेगा या दोस्तों को कॉल लग जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ये ब्लूटूथ स्मार्टफोन ऐप से जुड़ा होता है।
एक्टिव मोड में यह सेंसर बाहरी सिग्नल्स के जरिये खतरे का अंदाजा लगाता है। अगर कोई जबरदस्ती कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा है तो यह सेंसर उसके स्मार्टफोन पर एक मैसेज भेजता है, जिससे सेंसर यह तय करेगा कि लड़की होश में है या नहीं। अगर मैसेज का जवाब 30 सेकेंड में नहीं आता है तो आसपास के लोगों को अलर्ट करने के लिए फोन तेज आवाज करने लगता है। अगर यूजर इस अलार्म को 20 सेकेंड के अंदर बंद नहीं करता, तो ऐप यह मान लेता है कि वह मुसीबत में है. इसके बाद वह उसके परिवार और दोस्तों के पास डिस्ट्रेस सिग्नल भेजना शुरू कर देता है, जिसमें पीड़िता की लोकेशन का पता चलता है।
वहीं मनीषा ने कहा कि लड़कियों को घर में कैद रखने से अच्छा है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि चेन्नई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए जो अनुभव उन्हें हुए, उसके बाद ही उसे यह ख्याल आया। नए एप के जरिये न केवल महिलाओं बल्कि स्कूल जाने वाली छात्राओं, शारीरिक रूप से विकलांगों को भी रेप से बचाया जा सकता है। मोहन ने कहा कि हमें बॉडी गार्ड की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे पास खुद की सुरक्षा करने की क्षमता होनी चाहिए।