अगर आप भी पढने के शौकिन है और आप ये वीकएंड अपनी किताबों के साथ कहीं शांति से बिताना चाहते हैं तो हिमालयन इकोस आपके लिए परफेक्ट प्लान लाये हैं। ये हिमालयन इकोस का तीसरा सीज़न है और लेखक, कवि और पहाड़ो के आशिकों के लिए है। इस वर्ष हिमालयी इकोस की थीम पर्यावरण, संरक्षण, वन्यजीवन, सिनेमा, कला और क्षेत्रीय साहित्य पर केंद्रित है। यहाँ ना केवल साहित्य से जुड़ी विषयों को गहरी और प्रभावशाली वार्ता होगी बल्कि आपके लिए दोस्त बनाना के भी मौका मिलेगा।
महोत्सव-जाने वालों के पास ना सिर्फ कहानियां सिनने का मौका है बल्कि वे पक्षी देखने, फोटोग्राफी और प्राकृतिक सुंदरता का आनन्द ले सकते हैं। यह एक माउन्टेन फेस्टिवल है जो पर्यावरण और संरक्षण के बारे में सामाजिक रूप से जिम्मेदार है। इस त्योहार की मेंटोर नमिता गोखले है वहीं अनिश दयाल इसके एडवाइजर हैं।
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अगर आप भी पढने के शौकिन है और आप ये वीकएंड अपनी किताबों के साथ कहीं शांति से बिताना चाहते हैं तो हिमालयन इकोस आपके लिए परफेक्ट प्लान लाये हैं। ये हिमालयन इकोस का तीसरा सीज़न है और लेखक, कवि और पहाड़ो के आशिकों के लिए है। इस वर्ष हिमालयी इकोस की थीम पर्यावरण, संरक्षण, वन्यजीवन, सिनेमा, कला और क्षेत्रीय साहित्य पर केंद्रित है। यहाँ ना केवल साहित्य से जुड़ी विषयों को गहरी और प्रभावशाली वार्ता होगी बल्कि आपके लिए दोस्त बनाना के भी मौका मिलेगा।महोत्सव-जाने वालों के पास ना सिर्फ कहानियां सिनने का मौका है बल्कि वे पक्षी देखने, फोटोग्राफी और प्राकृतिक सुंदरता का आनन्द ले सकते हैं। यह एक माउन्टेन फेस्टिवल है जो पर्यावरण और संरक्षण के बारे में सामाजिक रूप से जिम्मेदार है। इस त्योहार की मेंटोर नमिता गोखले है वहीं अनिश दयाल इसके एडवाइजर हैं।त्योहार के बारे में बोलते हुए प्रसाद कहते हैं कि “हिमालयी इकोस एक विशिष्ट त्यौहार है, यह अंतरंग है, यह समावेशी है। हमारा मुख्य दृष्टिकोण उत्तराखंड के युवाओं को क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, विभिन्न संवादों, विचारों के बारे में बताना है। टेक्नोलोजी के बाद से हमारी पढ़ने की आदतें बदल गई हैं और हम चाहते हैं कि लोग जानें और सवाल पूछे”।यह त्यौहार 6 और 7 अक्टूबर को नैनिताल में आयोजित हो रहा है। आप भी अपना वीकएंड प्लान बना सकते हैं।
त्योहार के बारे में बोलते हुए प्रसाद कहते हैं कि “हिमालयी इकोस एक विशिष्ट त्यौहार है, यह अंतरंग है, यह समावेशी है। हमारा मुख्य दृष्टिकोण उत्तराखंड के युवाओं को क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, विभिन्न संवादों, विचारों के बारे में बताना है। टेक्नोलोजी के बाद से हमारी पढ़ने की आदतें बदल गई हैं और हम चाहते हैं कि लोग जानें और सवाल पूछे”।
यह त्यौहार 6 और 7 अक्टूबर को नैनिताल में आयोजित हो रहा है। आप भी अपना वीकएंड प्लान बना सकते हैं।
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