लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार के शपथ समारोह में पीएम मोदी ने BIMSTEC देशों को न्योता भेजा है। इससे पहले 2014 में सार्क देशों को आमंत्रित किया था।
BIMSTEC (बे ऑफ बंगाल इनिशटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल, टेक्निकल ऐंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन) में भारत समेत म्यांमार, बांग्लादेश, श्री लंका, थाइलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है।
बता दे इस BIMSTEC संगठन का गठन 6 जून, 1997 को किया गया था। तब यह BISTEC था जो बाद में मल्टी सेक्टोरल जुड़ने से 1998 में BIMSTEC में बदल गया। सदस्य राष्ट्र अपने नाम के अक्षरों के अनुसार रोटेशन पर बिम्सटेक की अध्यक्षता करते है।
वही, संगठन का गठन तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच अधिक से अधिक सहयोग के उद्देश्य से किया गया था। चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन नेपाल में वर्ष 2018 में हुआ था शिखर सम्मेलन का विषय बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित था।
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खबरों की माने तो BIMSTEC देशों को बुलाने से इनके साथ भारत की दोस्ती अधिक गहरी होगी। बिम्सटेक से जुड़े देशों ने 14 तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में एक दूसरे के सहयोग के लिए सहमति व्यक्त की। इससे भारत को भी सीधा फायदा मिल रहा है। इनमें पर्यटन, जलवायु परिवर्तन, तकनीक से लेकर कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अधिक सहयोग शामिल है। इसमें दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सदस्य राज्य हैं।
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30 मई को पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। कहा जा रहा है पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित होगा।
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