दुनियाभर में गांजे का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, अब इस मामले में भारत के दो शहरों का नाम आया है। दरअसल, हाल ही में गांजे के इस्तेमाल पर आई एक वैश्विक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा गांजे की खपत वाले टॉप 10 शहरों में भारत के दो शहर भी शामिल हैं। लिस्ट में नंबर तीन है देश की राजधानी दिल्ली और छठे नंबर पर है देश की आर्थिक राजधानी मुंबई।
जर्मनी की एक कंपनी द्वारा जारी इस रिपोर्ट में गांजे की सबसे ज्यादा खपत करने वाले टॉप 10 शहरों की लिस्ट बनाई है। इस लिस्ट में अमेरिका का न्यूयॉर्क नंबर एक है, वहीं दूसरे नंबर पर पाकिस्तान का कराची है। तीसरे नंबर पर भारत का दिल्ली है। चौथे नंबर पर लॉस एंजेलिस, पांचवे पर कायरो, छठे पर मुंबई है तो वहीं, सातवें नंबर पर लंदन, आठवें पर शिकागो, नौवें पर मॉस्को और दसवें नंबर पर टोरंटो है।
कंपनी के द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसमें साल 2018 का पूरा डाटा शामिल किया गया है। जो इस प्रकार है…
– न्यूयॉर्क: 77.44 मीट्रिक टन
– कराची: 41.95 मीट्रिक टन
– नई दिल्ली: 38.26 मीट्रिक टन
– लॉस एंजेलिस: 36.06 मीट्रिक टन
– कायरो: 32.59 मीट्रिक टन
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– मुंबई: 32.38 मीट्रिक टन
– लंदन : 31.1 मीट्रिक टन
– शिकागो : 24.54 मीट्रिक टन
– मॉस्को : 22.87 मीट्रिक टन
– टोरंटो : 22.75 मीट्रिक टन
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वहीं, खबरों की माने तो एक आकड़ें बताते है कि यदि राजधानी दिल्ली में गांजे के सेवन को वैध कर दिया जाए तो इससे सरकार को 725 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। इसी तरह मुंबई में गांजे के सेवन को वैध करने से 641 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। ये अनुमान सिगरेट की बिक्री पर लगाए जाने वाले टैक्स के आधार लगाया गया है। इसी तरह गांजे पर जितना टैक्स अमेरिका में लगता है उतना ही अगर दिल्ली और मुंबई में लगा दिया जाए तो उसके बाद भी 225 करोड़ और 199 करोड़ रुपए की आमदनी सरकार को दिल्ली और मुंबई में हो सकती है।
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