स्नेहा मिश्रा
गुरुग्राम से आई इस खबर ने इंसानियत को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है। मंगलवार की देर शाम गुरुग्राम के एक घर से 13 वर्ष की एक नाबालिग लड़की को छुड़ाया गया। बताया जा रहा है कि एक दंपति ने कुछ महीने पहले ही एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए अपनी 3 महीने की बच्ची की देखभाल के लिए एक लड़की को काम पर रखा था। बीते कुछ महीनों से उसके साथ बहुत दुर्व्यवहार किया जा रहा था।
पुलिस का कहना है कि लड़की के पूरे शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया ताकि डॉक्टरों से जांच के दौरान यह भी पता चल सके कि कहीं उसके साथ यौन उत्पीड़न तो नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, यह पता चला है कि पीड़ित लड़की को कई यातनाएं भी दी जाती थी। उसे गर्म चिमटे और डंडों से पीटा जाता था।
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पीड़ित लड़की का कहना है कि दंपत्ति उसे “सही तरीके से काम न करने” और खाना चुराने का आरोप लगाते हुए न सिर्फ भूखा रखते थे बल्कि उसकी बुरी तरह से पिटाई भी करते थे। उसने यह भी बताया कि जब उसे भूख लगती थी तो वह कूड़ेदान से निकालकर बचा हुआ खाना खाती थी।
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मंगलवार को एक सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट करते हुए इस मासूम की कुछ तस्वीरों को साझा किया था। टि्वटर थ्रेड के वायरल होने के बाद गुरूग्राम स्थित एक एनजीओ ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने बिना देर किए लड़की को उस दंपत्ति के चंगुल से मुक्त किया।
I just met the girl. Short of words. She’s shared with me unimaginable horror. Blades, sticks, hot tongue – i don’t think anything was left in assaulting this child. All this for – not finishing work on time. She wasn’t paid a single penny for months of work @KanoongoPriyank pic.twitter.com/gUo7DRGwUI
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) February 7, 2023
दीपिका द्वारा साझा की गई इन तस्वीरों में लड़की के माथे, होंठ, गाल और बाहों पर कटने और जलने के निशान साफ-साफ दिख रहे हैं। हालांकि अब दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर किशोर न्याय अधिनियम और POCSO अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज कर लिया गया है।