टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने के लिए अब ऑस्ट्रेलिया भारतीय टीम के लिए एक बड़ी दीवार बनकर खड़ी हो गई है। गुरुवार, 23 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाले सेमीफाइनल मैच में भारतीय महिला टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बीते 5 सालों में भारत सेमीफाइनल तक पहुंचने के बाद भी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी हासिल नहीं कर पाया है। इसी के साथ इस साल भी भारतीय टीम टूर्नामेंट ने अंतिम चार पड़ावों को पार कर लिया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम को खेल में करना होगा काफी सुधार :
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को हराया था। जिसे देखते हुए भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में अपने खेल में ज्यादा सुधार करने की जरूरत है। साल 2017 के वर्ल्ड कप के बाद से भारतीय महिला क्रिकेट टीम का ग्राफ काफी ऊंचाई से बढ़ता चला जा रहा है। हालांकि भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप मैच के सभी चरणों को पार कर लिया है, लेकिन इनकी इस जीत को काबिल-ए-तारीफ नहीं कहा जा सकता है। यहां तक कि आयरलैंड के खिलाफ भारत की जीत को भी दमदार जीत करार नहीं किया गया है। भारतीय टीम को एकमात्र इंग्लैंड ने हराया है।
टीम की कप्तान पर भी बना हुआ है दबाव :
अभी तक टूर्नामेंट में जिस तरह का प्रदर्शन भारतीय महिला टीम ने दिखाया है, उसे देखते हुए केवल यही उम्मीद की जा रही है कि सेमीफाइनल और फाइनल के मैच से पहले भारतीय महिला टीम अपनी सभी कमियों से निजात पा लें। वहीं दूसरी तरफ भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर दबाव से गुजर रही हैं, क्योंकि वह खुद भी अभी तक कोई यूज़फुल पारी नहीं खेल पाई है। विश्वकप के नॉट आउट मैच में यदि उनकी हार हुई तो इसका असर उनकी कप्तानी पर भी पड़ सकता है।
खिलाड़ियों को अपनी गलती से सीखने की है जरूरत :
इसके साथ ही टीम की कई खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीखने की आवश्यकता है। जेमिमा रोड्रिग्स ने अभी तक तो ठीक-ठाक प्रदर्शन किया है, लेकिन सेमीफाइनल में जीत हासिल करने के लिए उनसे इससे ज्यादा की उम्मीद की जा रही है। स्मृति मंधाना भी एक सफल बल्लेबाज रही हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम के लिए वह एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज साबित हो सकती हैं।
स्ट्राइक रोटेट और शार्ट गेंद में करना होगा सुधार :
शेफाली वर्मा को देख कर तो ऐसा लगता है कि वह अभी तक अपनी किशोरावस्था से बाहर नहीं आ पाईं हैं क्योंकि उन्होंने अपनी गलतियों से अभी तक कोई सबक नहीं लिया है। इसमें स्ट्राइक रोटेट कर पाना और शार्ट गेंद को लेकर उनकी कमियां और गलतियां देखने को मिलती हैं, जिसमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है।