सरकार की ओर से हरियाणा के गुरुग्राम में कराए जाने वाले ई-ऑक्शन में एक शख्स ने 600 रुपये का पेमेंट करके 4 करोड़ 40 लाख रुपए का रेजिडेंशियल प्लॉट खरीद लिया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण HSVP की ओर से ये ई-ऑक्शन कराया गया था। मामला पकड़ में आते ही ऑडिट के दौरान HSVP अधिकारियों ने प्लॉट का अलॉटमेंट कैंसिल कर दिया।
प्लॉट लेने वाले शख्स ने ऑक्शन में 6 बार 100-100 पेमेंट किया। जिसके बाद पेमेंट का हिसाब रखने वाले प्लॉट एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम ने दिखाया कि 4.40 करोड़ रुपए का पूरा पेमेंट हो गया है। साल 2021 से 22 में एचएसवीपी ने ई-ऑक्शन के जरिए गुरुग्राम में 500 वर्ग गज का प्लॉट बेचा था। गुरुग्राम के पालम विहार में रहने वाले एक व्यक्ति ने सेक्टर 23A में प्लांट नंबर 377 के लिए ही नीलामी में भाग लिया था। इस प्लांट के लिए बोली 4 करोड़ 89 लाख रुपए तक गई थी।
जिसके बाद इस प्लॉट को जिसे अलॉट किया गया था उसने एचएसवीपी में जुलाई से लेकर सितंबर के बीच पेमेंट जमा किया। यह पेमेंट उसने 6 बार में ऑनलाइन किया हर बार उसने 100 रुपय जमा करवाए। जिसके बाद पेमेंट का हिसाब रखने वाले प्लॉट एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम ने दिखाया कि 4.40 करोड रुपए जमा हो गए हैं।
पजेशन भी लिया गया-
एचएसवीपी के अधिकारियों ने 12 सितंबर 2022 को पेमेंट होने की जानकारी मिलने के बाद जिसे प्लॉट अलॉट किया गया था, उसको प्लाट का पजेशन दे दिया। बिल्डिंग के प्लान को 10 अक्टूबर को मंजूरी मिल गई मंजूरी मिलते ही जिसे प्लॉट अलॉट किया गया था उसने 13 अक्टूबर को रजिस्ट्री भी करवा ली। जिसके बाद आलोटी को सर्टिफिकेट भी 2 दिसंबर को जारी कर दिया गया।
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पत्नी पर आरोप-
प्लॉट जिस शख्स के नाम पर अलॉट किया गया था, उसकी पत्नी पर फर्जीवाड़ा करके एचएसवीपी का प्लॉट लेने का आरोप लगाया गया है। आरोपी पत्नी के नाम पर जो प्लॉट था एचएसवीपी ने उसी समय उसे कैंसिल भी कर दिया था। प्लॉट कैंसिल करने के साथ ही उस महिला के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया गया था।
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