बॉक्सर नीतू घनघस हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव की रहने वाली हैं, जिन्होंने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्पोर्ट्स कंपलेक्स में चल रहे महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मंगोलिया के मुक्केबाज को हरा कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इस प्रदेश में पहले किसी ने भी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल नहीं जीता है, नीतू ने इसे जीतकर इतिहास रच दिया है। नीतू ने वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने के बाद परिजनों को लड्डू बांटे और आतिशबाजी कर खुशी मनाई। नीतू का हौसला बढ़ाने के लिए ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंद्र सिंह, पिताजी भगवान घनघस, द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगजीत सिंह और उनके भाई सहित कई परिजन उनका मैच देखने पहुंचे।
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— NituGhanghas (@NituGhanghas333) March 25, 2023
सुर्खियों में आने की शुरुआत-
मैरीकॉम को भी बॉक्सर नीतू घनघस हरा चुकी हैं, मैरीकॉम को मैच के दौरान रिंग में घुटने में चोट लगने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के 48 किग्रा के ट्रायल के बीच में ही हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 6 बार विश्व चैंपियन मैरीकॉम को सेमीफाइनल के पहले राउंड में ही नीतू ने धूल चटा दी थी। जिसके बाद से नीतू सुर्खियों में आईं।
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बॉक्सर नीतू के पिताजी विधानसभा में काम करते हैं। 21 साल की उम्र में नीतू ने 2012 में कोच जगजीत सिंह से बॉक्सिंग सीखने की शुरुआत की थी। जिसके बाद वह लगातार मेहनत करती रहीं और आज इस मुकाम पर पहुंच गईं। फिलहाल नीतू सीबीएलयू में एमपीएड की पढ़ाई कर रही है।
प्रेरणा का स्त्रोत-
महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में नीतू ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। बॉक्सिंग में वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीतने के बाद नीतू प्रदेश की पहली बॉक्सर बन गई है। भिवानी जिले में 5000 से भी ज्यादा बॉक्सर रिंग में पसीना बहा रहे हैं, जिनके लिए नीतू प्रेरणा का एक स्त्रोत बन गई हैं। नीतू को हरियाणा बॉक्सिंग संघ की ओर से भी सम्मानित किया जाएगा।
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