छग में वंदे भारत ट्रेन को बंद करके उसे एप्टेल्स किया जा रहा है। इसमें किराया भी कम करने की बात की गई है।
वंदे भारत ट्रेन वर्तमान में तेजस ट्रेन सेट से चल रही है, जिसके कारण किराया कम हो जाएगा ये वादा भी किया जा रहा है। रेलवे ने घोषणा की है कि यह एक अस्थायी समाधान है और ट्रेन 14 मई से कुछ दिनों के लिए ही चलेगी।
बताया जा रहा है कि यात्रियों की कमी के चलते वंदे भारत ट्रेन को पूरी तरह से रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त, तेजस ट्रेन में 11 कोच होंगे, जिसमें दो एक्जीक्यूटिव क्लास कोच, सात चेयरकार कोच और दो पावर कार शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें- भारत-पाकिस्तान की सीमा पर 5 बम मिलने से हड़कंप, पाएं पूरी जानकारी
किया गया स्पीड ट्रायल
प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, यह सुझाव दिया गया है कि रैक को बदलने में कुछ दिन लग सकते हैं। हालांकि जानकारों का मानना है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से इस व्यवस्था को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है। इसके बावजूद रेल अधिकारी फिलहाल इस सेवा को बंद करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि निकट भविष्य में वंदे भारत ट्रेन पहले की तरह ही चलती रहेगी।
जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि रैक को एक्सचेंज करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है लेकिन जानकारों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की कमी के कारण इस व्यवस्था को पूरी तरह बंद किया जा सकता है। रेलवे के अधिकारी अभी वंदे भारत ट्रेन को बंद किए जाने की बात से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाले भविष्य में वंदे भारत ट्रेन पहले की तरह ही चलाई जाएगी।
नागपुर में 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन की शुरुआत की थी,
यात्रियों के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं ने वंदे भारत ट्रेन के किराए को महंगा बताया था और इसे आम जनमानस की पहुंच से दूर और अमीरों के लिए दी गई सौगात बताया था।
छग में वंदे भारत, बिलासपुर से नागपुर तक, अतिरिक्त चेयर का किराया 1540 रु रखा था जबकि कार का किराया 775 रु था, यह सभी हायर टैक्स के साथ हैं जिसमें कैटरिंग चार्ज अलग से किया जा रहा है।
किया गया स्पीड ट्रायल
रेलवे ने नागपुर से बिलासपुर और झारसुगुड़ा के बीच स्पीड ट्रायल किया और हालांकि ट्रेन कुछ इलाकों में 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है, लेकिन इसमें रुकावटें हैं। मुख्य मुद्दा यह है कि वंदे भारत ट्रेन के लिए ट्रैक में पर्याप्त सुरक्षा उपायों का अभाव है, जिसके परिणामस्वरूप मवेशियों को मारने, काटने या पथराव से नुकसान पहुंचाने की लगातार शिकायतें मिलती हैं।
यह भी पढ़ें- विरोध के चलते हिंदू कॉलेज ने किया 40 छात्रों को निलंबित, लगाया भारी जुर्माना