राजस्थान के पाली से एक खौफनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक 24 साल के युवक को बुजुर्ग महिला की हत्या कर उसका मांस खाने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया गया है। ये युवक हाइड्रोफोबिया से पिड़ित है और रेबिज के आखिरी स्टेज से गुज़र रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस स्टेज तक आते-आते इंसान एक नरभक्षी बनने लगता है, उनका कहना है कि इस युवक को किसी पागल कुत्ते ने काट लिया होगा और इसे सही समय पर इलाज नहीं मिला होगा, इसलिए आज इसकी ये हालत है। इस मामले के सामने आते ही पुरे शहर में हड़कंप मच गया।
युवक की पहचान-
पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हत्यारे की पहचान मुंबई के निवासी सुरेंद्र ठाकुर के तौर पर की गई है और मृतक महिला की उम्र 65 साल थी।
हाइड्रोफोबिया क्या है-
यह बीमारी कुत्ते के काटने या फिर उसके नाखून के खूरचने की वजह से होती है, लेकिन अगर कुत्ता पालतू हो तो यह बीमारी नहीं होगी। यह बीमारी गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्तों या फिर कच्चा मांस खाने वाले कुत्तों के काटने से होती है। अगर यह कुत्ता पागल होगा तो इस रोग के भयंकर होने की संभावना बढ़ जाएगी। पागल कुत्ते के काटने से रेबीज हो जाता है, जिसके बाद अगर इसे इलाज ना मिले तो इंसान नरभक्षी हो जाता है। उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है और उसकी सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। डॉक्टर का कहना है कि कुत्तों के अलावा लोमड़ी या चमगादड़ के काटने से भी हाइड्रोफोबिया हो सकता है।
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रेबीज के लक्षण-
रेबीज का वायरस अक्सर 1 से 3 महीने के बीच में निष्क्रिय रहता है, जिसके बाद वह अपने लक्षण दिखाने लगता है। जैसे इंसान में आक्रामकता या चिड़चिड़ापन बढ़ जाना, मुंह से झाग निकलना, एक बार ऐसा हो जाने पर तुरंत इलाज करवाना चाहिए। हाइड्रोफोबिया की वजह से गले में जोरदार ऐंठन होने लगती है, ऐसे मरीज को पानी पीने में बहुत मुश्किल होती है। यह किसी संक्रमित जानवर के काटने से या नाखून लगने से होता है, डॉक्टर की राय में अगर कोई जानवर काटे या उसका नाखून लग जाए, तो इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिए। डॉक्टर्स का कहना यह बीमारी पूरी जिंदगी के लिए चलती है इलाज और देखभाल से मरीज को काबू किया जा सकता है, लेकिन इलाज नहीं मिलने पर वह नरभक्षी बन जाता है।
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