अजय चौधरी
पहलवान साक्षी मलिक के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दो दिन बाद भारतीय मीडिया द्वारा उनके बारे में फेक न्यूज फैलाई जा रही है। जिसके अनुसार उन्होंने खुद को पहलवानों के आंदोलन से अलग कर लिया है और वो वापस अपनी रेलवे की नौकरी पर लौट गई हैं। लेकिन खुद साक्षी मलिक के खंडन करने के बाद ये चैनल अब चुप हैं।
यह खबर झूठी है साक्षी मलिक ने खुद को आंदोलन से अलग नहीं किया
वो अपने दोनों जिम्मेदारियां बखूबी निभाना जानती है
झूठ ना फैलाएं https://t.co/gVe1x1QGZ7
— Atul Londhe Patil (@atullondhe) June 5, 2023
नाबालिग पहलवान को लेकर भी फैलाई फेक न्यूज-
इसी तरह की एक फेक खबर नाबालिग पहलवान के बारे में फैलाई जा रही है, जिसके अनुसार नाबालिग पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट में जाकर अपने बयान बदल दिए हैं और दिल्ली पुलिस को दी अपनी शिकायत वापस ले ली है। लेकिन नाबालिग के पिता ने भी इस फेक न्यूज का खंडन किया है।
BREAKING | पहलवानों से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई है. उसने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए आरोप वापस ले लिए हैं.@anchorjiya @vivekstake @varunjainNEWS #WrestlersProtest #BajrangPunia #BrijBhushanSharanSingh pic.twitter.com/0vhDdHf6NP
— ABP News (@ABPNews) June 5, 2023
नाबालिग के बारे में तो फेक न्यूज काफी दिनों से फैलाने की कोशिश की जा रही है पहले कहा जा रहा था कि वो नाबालिग नहीं है उसने अपनी उम्र का झूठा दावा किया था जिसपर दिल्ली पुलिस उसपर कारवाई करेगी और एफआईआर से पोस्को एक्ट की धारा को हटाएगी।
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
बड़े-बड़े चैनल फैला रहे फेक न्यूज-
अब इन सभी घटनाओं से सवाल उठता है कि ये सभी फेक न्यूज देश के बड़े चैनलों जैसे आजतक, इंडिया न्यूज, जी न्यूज, रिपब्लिक आदि से फैलाई जा रही है, चैनलों पर ऐंकर चीख-चीख कर कह रहे हैं कि साक्षी मलिक ने खुद को आंदोलन से अलग किया, पहलवानों में आई दरार, बजरंग पुनिया विनेश को मनाने में लगे हैं लेकिन वो मान नहीं रही हैं। नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ दी शिकायत ली वापस।
#BREAKING | साक्षी मलिक ने खत्म किया धरना, अब वह प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगी#SakshiMalik #WrestlersProtest
देखते रहिए रिपब्लिक भारत पर #LIVEhttps://t.co/TQO5Pa8KaZ pic.twitter.com/OX9jFNpfWT
— रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) June 5, 2023
इतना झूठ क्यों फैला रहे चैनल?
इतना झूठ? आखिर क्यों? क्या मजबूरी है इन एंकरों की नेशनल टीवी पर इतना झूठ फैलाने की? बावजूद इसके ये सब देश के विख्यात एंकर कैसे बने हुए हैं और ये चैनल कैसे खुद को देश का भरोसेमंद चैनल कहते हैं? इतने संवेदनशील मामले में ये फेक खबरें कैसे और क्यों फैला पा रहे हैं?
सत्ता के इशारे पर काम कर रहे चैनल?
इसे समझने के लिए हमें ये समझना होगा कि ये सभी चैनल हो न हो सत्ता के इशारे पर काम कर रहे हैं, जो आप भी इनके क्रियाकलापों को देखकर समझ सकते हैं, ये चैनल पहलवानों के पक्ष को पहले दिन से कम दिखा रहे हैं केवल बतला रहे हैं कि कैसे किसानों ने पहलवानों के पक्ष में बैरिकेटिंड तोड़े कैसे उन्होंने हंगामा किया। पहले इन्होंने बृजभूषण के क्षेत्रवाद वाले बयानों पर जोर दिया जब उससे काम न चला तो अब पूरी जिम्मेदारी इस केस को सुलझाकर खत्म करने की मानों इन चैनलों के कंधे पर ही आ गई है।
माना की साक्षी मलिक अपनी नौकरी पर वापस गई है, लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं है कि वो अपनी बात से पीछे हट गई हैं, या आंदोलन वापस ले लिया है? अब आंदोलन पंचायतों में जाकर किया जा रहा है लगातार जंतर-मंतर पर नहीं बैठा जा रहा है ऐसे में बीच के दिनों में रेलवे की नौकरी करने में क्या गुनाह है?
ताकी लोग हो जाएं गुमराह?
ये साक्षी मलिक के आंदोलन से पीछे हटने और नाबालिग के शिकायत वापस लेने जैसी खबरें चला कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहें हैं ताकि लोग इन खबरों को पढ़ें और देखें और सोचें की सच में ऐसा हो गया है और आंदोलन अब खत्म हो गया है। नाबालिग के शिकायत वापस लेने से समझें कि पोस्को एक्ट अब नहीं लगेगा और बृजभूषण का अब कुछ नहीं होगा। इन्हें पता है कि पीडित पहलवान इसका खंडन कर देंगे बाद में लेकिन इन्हें उससे क्या फर्क पड़ता है। क्योंकि इन्हें पता है कि बहुत से लोग ट्वीटर खोलकर पहलवानों का खंडन नहीं पढ़ेंगे और ये तो चैनल पर एक बार फेक न्यूज चला ही देंगे फिर इन्हें खंडन की क्या जरुरत है?
चैनल फेक न्यूज से क्या मैसेज देना चाहते हैं?
ऐसा करने से ये चैनल पहलवानों के आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं ये लोगों को मैसेज देना चाहते हैं कि जब पहलवान ही आंदोलन से पीछे हट गए हैं फिर आप लोग क्यों इसके साथ जुड़े हैं, ऐसी ही फेक न्यूज इन चैनलों ने दिल्ली में पुलिस द्वारा जंतर-मंतर पर पहलवानों का टेंट हटाने के बाद चलाई थी। जिसके अनुसार जंतर-मंतर पर पहलवानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है, कुछ प्रमुख हिंदी अखबारों ने भी ऐसे ही इस खबर को छापा था लेकिन असल में ऐसा नहीं हुआ था, पहलवानों की साइट तो दिल्ली पुलिस ने खुद खाली की थी और उन्हें बाद में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन न करने की अनुमति देने की बात कही थी।
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इसी से तो निराश होकर और दिल्ली पुलिस द्वारा घसीटे जाने से पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में बहाने जा रहे थे। ऐसी खबर चलाकर सरकार परस्त चैनल चाह रहे हैं कि पहलवान खुद भी निराश हो जाएं और लोग भी इनका साथ छोड़ दें और फेक न्यूज को ही असल न्यूज मान लिया जाए। आपको याद हो तो किसान आंदोलन के वक्त भी किसानों को बदनाम करने के लिए इसी तरह की फेक न्यूज दी जा रही थी।
इतनी आसानी से फेक न्यूज कैसे फैला पाते हैं ये चैनल?
ऐसे में इन चैनलों पर झूठी खबर फैलाने के जुर्म में जरुर कारवाई होनी चाहिए। लेकिन ये चैनल वाले भी जानते हैं कि उनके ऊपर सत्ता का हाथ है इसलिए सत्ता पक्ष को बचाने के लिए ये जितनी चाहें उतनी फेक न्यूज फैला सकते हैं। आपको समझना होगा कि ये चैनल निष्पक्ष तौर पर खबरें नहीं चला रही हैं इसलिए आपको हर मामले में अपने विवेक से काम करना होगा। आपने ये भी देखा होगा कि पहलवानों के पक्ष में होने वाली खाप पंचायतों या समर्थन पंचायतों को ये चैनल कवर नहीं कर रहे हैं। इनका ध्यान देश की बेटियों से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को बचाने पर है, ये देश के लिए काला समय है जब मीडिया झूठ के साथ मिलकर झूठ फैला रही है।
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(लेखक दस्तक इंडिया के एडिटर हैं)