नवरात्रि समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गया है। 22 अक्टूबर को महाअष्टमी और 23 अक्टूबर को महानवमी है उसके बाद 24 अक्टूबर को विजयदशमी पर मां दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। नवरात्रि का त्यौहार बिना कन्या पूजन के अधूरा होता है यह बात तो हम सभी जानते हैं, नवरात्रों में कन्या पूजन किया जाता है उसके बाद ही आपका व्रत और पूजा-पाठ पूर्ण होते हैं।
इस दिन करें कन्या पूजन-
सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार, वैसे तो नवरात्रि के नौवें दिन ही कन्या पूजन किया जाता है। जिसके बाद व्रत को खोला जाता है, लेकिन जो लोग अष्टमी की पूजा करते हैं और जिन लोगों की घर में कुलदेवी मां काली को माना जाता है। वे लोग महाअष्टमी को कन्या पूजन करते हैं, नवरात्रों में अष्टमी और नवमी दो दिन मुख्य माने जाते हैं। लोग इस दिन कन्या पूजन कर मां दुर्गा की आराधना पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। जो लोग महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन करने वाले हैं, वे लोग दुर्गा अष्टमी की रात 8:00 बजे तक कन्या पूजन कर सकते हैं। वहीं जो लोग दुर्गाअष्टमी की सुबह कन्या पूजन करना चाहते हैं वे लोग सुबह 7:00 से लेकर 8:00 तक कन्या पूजन कर सकते हैं।
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अश्विनी शुल्क महानवमी यानी दुर्गा नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 की रात 8 बजे से 23 अक्टूबर 2023 की शाम 6 बजे तक रहेगी इसलिए 23 तारीख को कन्या पूजन सुबह 6 से लेकर 8तक रहेगा। कन्या पूजन करने के लिए नौ कन्याओं को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन नौ कन्याओं के रूप में मां दुर्गा साक्षात आपके घर भोजन के लिए पधारती हैं। सबसे पहले इन कन्याओं के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर चुनरी उदय फिर भोजन परोसे अपने समर्थक के अनुसार आप कन्याओं को उपहार भी दे सकते हैं। भोजन के बाद कन्याओं के हाथ धुलाकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले उन्हें खुशी-खुशी उन्हें विदा करें।
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