आइसलैंड में बड़ी तबाही दस्तक दे रही है। दसअसल आइसलैंड में 2 मील लंबी दरार से आग के शोले निकल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पृथ्वी की सतह में दरारें लगभग 3.5 किमी लंबी थी लेकिन यह तेजी से बढ़ रही हैं। हर सेकंड ये दरारें लगभग 100 से 200 क्यूबिक मीटर यानी 3530 से 7060 क्यूबिक फीट लावा के लिए प्रवेश द्वार बन गईं। वहीं अगर मौसम विभाग के माने तो इस इलाके में पिछले विस्फोटों की तुलना में कई गुना अधिक है। यहां 18 दिसंबर को ज्वालामुखी फट पड़ा, हालांकि अब इसकी तीव्रता में कमी आ रही है।
तबाही की दस्तक-
मौसम कार्यालय के अनुसार, जीपीएस उपकरणों से माप के साथ भूकंपीय गतिविधि से संकेत मिलता है कि मैग्मा दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और विस्फोट ग्रिंडाविक की दिशा में जारी रह सकता है। विस्फोट की लाइवस्ट्रीम और छवियों में जमीन में दरारों से पिघली हुई चट्टानें निकलती दिखाई दी, जिसमें चमकदार पीला-नारंगी लावा अंधेरी रात के आकाश के विपरीत चमकीला दिखाई दे रहा है। इन वर्षों में रेक्जेन्स प्रायद्वीप में गैर-आबादी वाले क्षेत्रों में कई विस्फोट हुए हैं। मार्च 2021 में क्षेत्र के फाग्राडाल्सफजाल ज्वालामुखी प्रणाली में 500 से 750 मीटर लंबी जमीन की दरार से लावा के फव्वारे फूटे थे। इस इलाके में ज्वालामुखी गतिविधि 2021 में करीब छह महीने तक जारी रही थी। अगस्त 2022 में इसी क्षेत्र में तीन सप्ताह का विस्फोट हुआ, इसके बाद इस साल जुलाई में एक और विस्फोट हुआ।
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वहीं दुसरी तरफ यूरेशियन और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित, ग्रह पर सबसे बड़े में से एक, आइसलैंड एक भूकंपीय और ज्वालामुखीय गर्म स्थान है, क्योंकि दोनों प्लेटें विपरीत दिशाओं में चलती हैं। हालांकि और विस्फोटों की भविष्यवाणी करना अभी भी कठिन है। नवंबर के मध्य में ग्रिंडाविक निवासियों को आधी रात में उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया, क्योंकि जमीन हिली, सड़कें टूट गईं और इमारतों को अधिक नुकसान पहुंचा। आइसलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट असामान्य नहीं हैं, क्योकि यह देश 33 सक्रिय ज्वालामुखी प्रणालियों का घर है, जो यूरोप में सबसे अधिक है, लेकिन यह विस्फोट अप्रत्याशित है और खतरे से भरा हुआ है।
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