White Lung Pneumonia: चीन के बच्चों में फैल रही निमोनिया की बीमारी अब अमेरिका के ओहियो तक पहुंच चुकी है। अमेरिका के ओहियो में बड़ी संख्या में बच्चों को निमोनिया की बीमारी हो चुकी है। जिसकी वजह से उन्हे अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन में यह बीमारी चरम पर पहुंच चुकी है। जहां पर बच्चों को भारी संख्या में भर्ती की जाती किया जा रहा है। हालांकि ओहियो एक मात्र अमेरिकी राज्य जहां पर चीन जैसी रहस्यमय बीमारी फैल रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक अगस्त से अब तक 142 बच्चों में यह मामला में सामने आया है। जिन्हें वाइट लंग सिंड्रोम नाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक व्हाइट लंग सिड्रोम मेडिकल डिपार्टमेंट के लिए चुनौती बन चुकी है।
व्हाइट लंग सिंड्रोम का कारण-
अमेरिका के सीडीसी का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर सब कुछ सामान्य है। हालांकि इसके बावजूद भी ओहियो के अधिकारी इस बीमारी के कारण की जांच करने में जुटे हुए हैं। लेकिन वह नहीं मानते कि यह कोई नई स्वास की संबंधित बीमारी है। इसके बजाय उनका मानना है कि एक ही समय में कई वायरस मिलकर व्हाइट लंग सिंड्रोम का कारण बनते हैं। औसतन 8 रोगियों जिनमें से तीन वर्ष से भी कम उम्र के हैं, उनमें माइक्रोप्लाज़मा निमोनिया है।
संवेदनशील-
इस बीमारी में हानिकारक वायरस फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन जाते हैं। बैक्टीरिया से संबंधित सांस लेने वाली बीमारी आमतौर पर हर कुछ वर्षों में बढ़ती जाती है। आमतौर पर जब लोग फ्लू या फिर अन्य वायरल बीमारियों की लहर से उबर रहे होते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, महामारी के दौरान लॉकडाउन में स्कूल बंद होने, मास्क पहनने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो चुकी है। जिसकी वजह से मौसमी संक्रमणों के प्रति वह ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं।
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सावधानियां-
इसे लेकर अधिकारियों ने प्रसार को रोकने के कुछ तरीके बताए गए हैं। इसमें कोरोना की तरह ही सावधानियां जैसे अपनी खांसी को ढकने, बीमार होने पर घर पर रहने, टिकों के बारे में अपडेट रहने और अपने हाथों को समय-समय पर धोने की सलाह दी गई है। डॉक्टर की ओर से बताए गए लक्षण बुखार, थकान, खांसी हैं। ऐसा तब हुआ जब नीदरलैंड और डेनमार्क में भी कहा कि निमोनिया के मामले में रहस्य में स्पाइक्स दर्ज किया जा रहा है। इसमें से कई को आंशिक रूप से माइक्रोप्लाज्मा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
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