Ram Mandir: 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों से चल रही है, मंदिर में पूजन विधि किया जाएगा और पीएम मोदी, समेत 7,000 अतिथि गण शामिल होने वाले हैं। इसी बीच मंदिर के आर्किटेक्ट का कहना है कि मंदिर पर भूकंप और बाढ़ किसी का भी असर नहीं होगा। अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने वाले भारतीय मंदिर का हिमालय क्षेत्र में आने वाली बाढ़ और भूकंप विरोधी होने के लिए परीक्षण किया गया है। उनका कहना है कि यह मंदिर 2500 साल तक सुरक्षित रहने वाला है। सोमपुरा और उनके बेटे आशीष ने मंदिर को डिजाइन किया है। जानकारी के मुताबिक, वह स्वास्थ्य खराबी की वजह से अभिषेक के लिए नहीं जा पाएंगे।
3D स्ट्रक्चर एनालिसिस की-
लेकिन उनकी इच्छा है कि जब मंदिर पूरा हो जाए तो उसे सभी धर्म के लोगों के लिए खोला जाना चाहिए। चंद्रकांत ने विदेश और देश में 200 से ज्यादा मंदिरों को डिजाइन किया है। वह खुश हैं कि उनके प्रोजेक्ट में उनके बेटे का हाथ है, जो पेशेवर डिग्री के साथ परिवार में पहला मंदिर आर्किटेक्ट है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रोजेक्ट की चुनौतियों के बारे में आशीष का कहना है कि यह दुनिया का पहला ऐसा मंदिर होगा, जिसके निर्माण से पहले आपदा प्रतिरोध के लिए 3D स्ट्रक्चर एनालिसिस की गई है। जिसमें रेक्टर पैमाने पर 8 तक के भूकंप भी शामिल है।
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट-
रुड़की में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रक्चरल एनालिसिस किया। चाहे कोई भी आपदा आ जाए इस मंदिर को कुछ नहीं होगा। राम मंदिर की दूसरी अनूठी विशेषता सूर्य तिलक है, जहां छत पर लेंस लगा कर सुनिश्चित किया गया है कि सूर्य की किरणें रामनवमी के दिन मूर्ति के माथे पर पड़े। वहीं राम मंदिर से 700 मीटर दूर एक हॉल में सुबह लोग पुजारी बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यह सभी 30 साल की उम्र से कम के हैं।
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कठोर प्रक्रिया-
इन युवाओ को कठोर प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। देश के लिए निशुल्क अलग-अलग 2700 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है। सभी सुबह साढे तीन बजे से 4:00 बजे के बीच उठते हैं और मंत्रों का जाप करते हुए दिन के प्रश्न की तैयारी करते हैं। रामानंद जी संप्रदाय की परंपराओं के मुताबिक, राम की पूजा सिखाना शामिल है। इस कड़ती हुई ठंड में युवा बड़े से हॉल में फर्श पर चटाई बिछाकर, कंबल और रजाई के साथ सोते हैं।
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