Chaitra Navratri 2024: चैत्र माह का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना जाता है और इस महीने में शक्ति उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस बार चैत्र नवरात्रि बहुत खास होने वाली है। क्योंकि सालों बाद प्रतिपदा तिथि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें पूजा करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होगी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 9 अप्रैल से इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है।
सर्वार्ध सिद्धि और अमृत सिद्धि योग-
उस दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ सर्वार्ध सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का अद्भुत सहयोग बन रहा है। जो सुबह 7:35 बजे के बाद पूरे दिन सर्वार्ध सिद्धि और अमृत सिद्धि योग रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 से शुरू हो रहा है जो 12:54 तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अमृत सिद्धि और सर्वार्ध सिद्धि योग में देवी की आराधना से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस समय पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि-
बता दें की चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से जीवन के सभी कष्ट और क्लेश दूर हो जाते हैं। पंचांग के मुताबिक, चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 की रात 11:51 से शुरू हो रही है, जो कि अगले दिन यानी 9 अप्रैल की रात 8:39 पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए उदया तिथि के मुताबिक, 9 अप्रैल 2024 से ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी।
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कलश स्थापना का शुभ समय-
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो नवरात्रि के नौ दिनों में शक्ति रूप स्वरूप माता दुर्गा की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते माता की उपासना की जानी चाहिए। हिंदू पंचांग के मुताबिक, 9 अप्रैल को सुबह 6:24 से 10:28 तक कलश स्थापना का बेहद शुभ समय है। चंद्रमा की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में चैत्र नवरात्रि आती है और नवरात्रि पर देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की विधि विधान से पूजा होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक लोग उपवास रखते हैं। साल भर में चार नवरात्रि आती हैं जिसमें दो गुप्त होती हैं।
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