बीजेपी उम्मीदवार पुरषोत्तम रुपाला जो की गुजरात के राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं, ने एक बार फिर से क्षत्रिय समाज से माफी मांगी है। सदन में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने गलती की है, सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है और मेरा कोई गलत इरादा नहीं था, मैंने क्षत्रिय समुदाय के बीच जाकर क्षमा याचना की है, उन्होंने मुझे प्रतिसाद भी दिया, लेकिन पीएम मोदी का विरोध क्यों हो रहा है? पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि क्षत्रिय समुदाय आप अपने राष्ट्रीय के लिए योगदान को याद करें।
मैं गलती को स्वीकार करता हूं-
बीजेपी के विकास में भी आपका बड़ा योगदान याद रहा है, 18 घंटे काम करने वाले पीएम जब देश के अलावा कुछ ना सोच रहे हों, 140 करोड लोगों को अपना परिवार समझ रहे हों, पीएम मोदी की विकास यात्रा में अनेक क्षत्रिय साथ रहे हैं, तो उनका विरोध मेरी वजह से क्यों किया जा रहा है, मैं गलती को स्वीकार करता हूं, लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ क्षेत्रीय समुदाय को खड़ा कर देना सही नहीं लगता, पीएम के खिलाफ किए जा रहे आक्रोश को लेकर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। हालांकि भाजपा के डैमेज कंट्रोल की तमाम कोशिशें के बावजूद भी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में क्षत्रिय समुदाय में गुस्सा कम होता नजर नहीं आ रहा है।
भाजपा का वोट बैंक-
इन राज्यों में बीजेपी के खिलाफ समुदाय की ओर से निर्मित विरोध प्रदर्शन किए गए, भाजपा का वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे. आपकी जानकारी के लिए बता दें की समुदाय के लगातार विरोध के बाद पुरुषोत्तम रुपाला ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। उसके बाद से ही गुजरात में क्षत्रीय समुदाय भगवा झंडा के साथ भाजपा के सभी उम्मीदवारों का विरोध कर रहा है। क्षत्रिय पुरुष बीजेपी की सभाओं में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं। क्षत्रिय महिलाएं रूपाला के विरोध में व्रत कर रही हैं।
क्षत्रीय समाज से अनुरोध-
सभा के दौरान उन्होंने कहा कि मैं आप सभी नेताओं के आग्रह करना करता हूं, कि आप क्षत्रिय समुदाय के नेताओं के साथ समाज का एक नया पुल तैयार करें, मैं चुनाव की वजह से यह अपील नहीं कर रहा हूं, यह जीत और हार के बारे में नहीं है, यह हमारे सामाजिक जीवन के ताने-बाने को छूने वाला विषय है। मैं क्षत्रीय समाज से अनुरोध करता हूं कि इसे राजनीति को दूर रखें। रअसल पुरुषोत्तम रुपाला पाटीदार समुदाय से आते हैं।
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आक्रोश का कराण-
23 मार्च को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें रूपाला को राजकोट में दलित कार्यक्रम में बोलते हुए देखा गया था, इस वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर कहा कि अंग्रेजों ने हम पर राज किया, उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी, राजा भी झुक गए, उन्होंने उनके साथ रोटियां तोड़ी और अपनी बेटियों की शादी उनसे की। लेकिन हमारे समुदाय ने ना तो अपना धर्म बदला ना ही अंग्रेजों से दोस्ताना संबंध स्थापित किया। जबकि उन पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ। उनके इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों में उग्र रोश देखने को मिला। वह मांग कर रहा थे कि या तो 59 वर्षीय रुपाला को लोकसभा चुनाव से हटा दिया जाए या भाजपा उनका टिकट लोकसभा चुनाव से काट दे। लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद 24 अप्रैल को रुपाला के खिलाफ अपना विरोध किया।
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