हिसार, 15 जून। इनेलो जिलाध्यक्ष राजेन्द्र लितानी ने कहा है कि सरकार जाट सहित बिश्नोई, जट्ट सिख, रोड, त्यागी को दिए गए आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डलवाकर इसे सुनिश्चित करे। वे बुधवार को मय्यड़ में जाट समाज द्वारा लगाये जा रहे शांतिपूर्ण धरने को संबोधित कर रहे थे। धरने को समर्थन देने के लिए उनके साथ पूर्व विधायक पूर्ण सिंह डाबड़ा, राष्ट्र्रीय सचिव चत्तर सिंह, हलका अध्यक्ष सजन लावट, सत्यवान, एडवोकेट मनदीप बिश्नोई, अमित बुरा, अमित ग्रोवर, सतपाल पानू, मनोज नेहरा, धोलू गोदारा, योगेश गौतम भी इनेलो की तरफ से पहुंचे थे।
धरने को सम्बोधित करते हुए लितानी ने बीजेपी सरकार की आरक्षण को लेकर मंशा पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि आज केंद्र व राज्य में बीजेपी की सरकार है तथा बड़ी आसानी से इस आरक्षण को सविंधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करवा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पूर्व में कांग्रेस सरकार ने वोटो की राजनीती करते हुए जल्दबाज़ी में जाट आरक्षण को लागू किया था। ठीक उसी परिपाटी पर मौजूदा बीजेपी सरकार ने भी पूर्व की सरकार की कमियों को दूर करने की बजाये इसको हूबहू उसी तरह लागू कर इसे संवैधानिक तौर पर कमजोर किया है। यही कारण है कि हाईकोर्ट में इस आरक्षण पर स्टे लगा दिया गया। लितानी ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ है तो पिछले दिनों विधानसभा में पास किये गए आरक्षण बिल को 9 वीं अनुसूची में डलवाये ताकि यह आरक्षण सुनिश्चित हो सके व किसी अदालत में इसे चुनौती भी न दी जा सके। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक पूर्ण सिंह डाबड़ा ने कहा कि सरकार के अधिकारियों ने धरने में शामिल युवाओ व पूर्व सैनिको की सूचि बनाये जाने के आदेश जारी किये है, यह आदेश निंदनीय है। सरकार ऐसा करके शांतिपूर्ण धरने को भड़काने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई आगजनी व तोडफ़ोड़ की घटनाएं सरकार के इशारे पर ही हुई थी और अब फिर सरकार इस आंदोलन को भड़काना चाहती है। उन्होनें समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे सरकार की इस साजिश को समझे और किसी भी तरह के बहकावे में ना आएं और शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलते हुए अपनी आवाज उठाएं ताकि समाज का भाईचारा बना रहे।