फरीदाबाद, 28 जून। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट 2016-2017 पेश करते हुए कालेधन की घोषणा के लिए एक योजना प्रस्तुत की। सीमित अवधि की यह योजना कालेधन की घोषणा के लिए महत्वपूर्ण है और एक स्थिर व सुनिश्चित कराधान व्यवस्था बनाने और काले धन में कमी लाने के लिए सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है।
फरीदाबाद की प्रधान आयकर आयुक्त अनुराधा मुखर्जी ने मंगलवार को एनएच-4 स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रैस कान्फ्रैंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि योजना के अनुसार घरेलू करदाता कुल अघोषित आय का 45 प्रतिशत कर देय है। किसी भी अस्ति के रूप में दिखाई गई ऐसी आमदनी अथवा अघोषित आय की घोषणा कर सकते हैं। घोषणा करने पर अदालती कार्यवाही नहीं की जायेगी।
मुखर्जी ने कहा कि इनकम डिस्कलोजर स्कीम एक जून से 30 सितम्बर 2016 तक जारी रहेगी। इस चार महीने के दौरान 45 प्रतिशत टैक्स चुका कर आमदनी अथवा अघोषित आय की घोषणा की जा सकती है। अघोषित आय पर 7.5 प्रतिशत की दर पर लगाया गया अधिभार कृषि कल्याण अधिभार कहा जायेगा। जिसे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए इस्तेमाल किया जायेगा।
उन्होंने सम्बन्धित तथ्यों की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि गत एक जून 2016 से इस योजना का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। आय घोषणा योजना आगामी 30 सितम्बर 2016 तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत करों, अधिभार व जुर्माने का भुगतान 30 नवम्बर 2016 तक करना होगा। वित्त वर्ष 2015-2016 या इसके पूर्व परिसम्पत्तियों या अन्यथा के रूप में अप्रकटित आय के निवेशों पर यह योजना लागू होगी। घोषणा में विनिर्दिष्ट परिसम्पत्तियों को धनकर से छूट प्राप्त होगी। ऐसी घोषणाओं के सम्बन्ध में आयकर अधिनियम या धनकर अधिनियम के तहत कोई संवीक्षा या जांच नहीं की जायेगी। आयकर अधिनियम और धनकर अधिनियम के तहत अभियोग से बचाव के साथ-साथ नियमों में विनिर्दिष्ट समय सीमा के अन्दर वास्तविक स्वामी को परिसम्पत्ति को अंतरित करने के अधीन बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) अधिनियम 1988 से बचाव प्रदान किया जायेगा। समय से कुल करों, अधिभार एवं शास्तियों की गैर अदायगी या गलत बयानी से घोषणा या तथ्यों का दबाना घोषणा को शून्य कर देगा। इस योजना के तहत अप्रकटित आय की घोषणा नहीं करना ऐसी अप्रकटित आय को उस विगत वर्ष में कर के अधीन करेगा जिस वर्ष में आयकर विभाग द्वारा इसका पता लगाया जाता है। अन्य दंडात्मक परिणाम तदानुसार लागू होंगे।
मुखर्जी ने कहा कि घोषणा के सम्बद्ध किसी भी प्रकार की सूचना किसी अन्य सरकारी विभाग से साझा नहीं की जायेगी। घोषणा करने वाले करदाताओं के नाम व घोषित आय की सूचना के बारे में पूर्ण गोपनीयता रखी जायेगी।