2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने युवाओं को 1 करोड़ रोजगार के अवसर देने का वादा किया था। अब लगता है मोदी सरकार बेरोजगारों से अपना वायदा पूरा करने वाली है। मोदी सरकार अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। ऐसे में पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं कि कैबिनेट को भेजे जाने वाले सभी प्रस्तावों में यह जानकारी जरूर दी जाए कि उन प्रस्तावों पर अमल करने से रोजगार के कितने मौके बनेंगे।
हालांकि, बीते तीन सालों में रोजगार देने के मामले में मोदी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बिजनेस अखबार को बताया कि जिस भी प्रस्ताव के साथ कुछ खर्च जुड़ा होगा, उससे देश में रोजगार निर्माण होना ही चाहिए और ऐसे प्रस्ताव के साथ जॉब्स एस्टिमेट दिया जाना चाहिए। सीतारमण ने बताया, ‘जब भी कोई प्रस्ताव चर्चा के लिए आता है तो प्रधानमंत्री कैबिनेट बैठक में पूछते हैं कि रोजगार के कितने मौके बनेंगे?’
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