अजय चौधरी
फरीदाबाद, 25 जून। सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों को धत्ता बताते हुए फरीदाबाद में हरी भूमी को कब्जाने का खेल धड्डले से चल रहा है। इसमें अरावली पर्वतमाला से लेकर हरित पट्टी और पार्क तक शामिल हैं। इसी बात से चिंतिंत सैंकडों प्रकृति प्रेमीयों ने रविवार सुबह सूरजकुंड रोड पर अरावली बचाओ यात्रा का आयोजन किया और प्रकृती के दोहन के विरुद्ध आवाज उठाई। ये यात्रा अनखीर गोलचक्कर से शुरु होकर अनखीर चौक पर खत्म हुई।
अरावली बचाओ यात्रा में आए आरटीआई कार्यकर्ता वरुण शयोकंद ने बताया कि अरावली पर्वतमाला के प्रतिबंधित वन क्षेत्र में नगर निगम फरीदाबाद ने एक फाईव स्टार होटल को सीएलयू देकर पेड काटने की इजाजत दे दी। साथ ही सूरजकुंड रोड पर हरियाणा सरकार ने भारती एयरटेल जैसी बडी कंपनियों के नाम सैंकडों एकड जमीन कर दी। इससे न सिर्फ वन्य जीव प्रभावित होंगे साथ ही वातावरण भी प्रदुषित होगा। वरुण ने बताया कि अरावली क्षेत्र दिल्ली एनसीआर की आक्सीजन के रुप में काम करता है। अगर इसे हानी पहुंचाई गई तो पहले से प्रदुषित दिल्ली एनसीआर में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
यात्रा में शामिल प्रवेश मलिक ने बताया कि फरीदाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में भूजल 600 से 700 फुट नीचे चला गया है। जिसका मुख्य कारण अरावली में अवैध खनन और उसमें अवैध निर्माण कर उसे उजाडना है। मलिक ने बताया कि पानी से लबालब भरी अनंगपुर की खूनी झीलों में भी अब पिछले 2 सालों में जलस्तर 200 से 300 फुट तक घट गया है। जोकी एक गंभीर विषय है।
अरावली के अलावा शहरी क्षेत्र में भी तेजी से हरित पट्टी और पार्कों में कब्जा देखने को मिला है। सेक्टर 11,15,और सैनिक कॉलोनी में हरे भरे पार्कों को उजाडने और जगह जगह हरित पट्टी पर रातों रात शराब के ठेके खोलने का मामला सामने आया है। सेक्टर 11 बी में हरियाणा के उद्योग एंव पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने चार माह पहले पार्क निर्माण कार्य का उद्घाटन किया था। लेकिन नगर निगम बार बार पार्क निर्माण कार्य को रोक देता है। मामले में स्थानीय निवासीयों ने नगर निगम अधिकारीयों पर ट्रक माफियाओं से सांठगांठ होने का आरोप लगाया है। ताकि वो पार्क की इस जगह पर अपने ट्रक खडे कर सकें। सेक्टर 11 रजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बीएस ढूढी ने बताया कि निगम अधिकारीयों ने पार्क की चारदिवारी छोटी कर उसमें से चारों तरफ से 30 फुट जगह ट्रक माफियाओं को दे दी है। इसके बावजूद भी वो 10 फुट और जगह की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि पार्क नक्शे के अनुरुप ही बनाया जाए। मगर नगर निगम पार्क का निमार्ण कार्य रोक उन्हें 10 फुट अतिरिक्त जगह देने पर अडी है। डूडी ने कहा कि आखिर कैसे निगम अधिकारी सरकारी जमीन की इस तरह बंदरबांट करवा सकते हैं।
सेक्टर 15 और सैनिक कॉलोनी में तो हरे भरे पार्क को उजाडने का मामला सामने आया है। सेक्टर 15 में व्यापारीयों की मांग पर नगर निगम ने पार्किंग बनाने के लिए पार्क की दिवार और पेड पौधों को हानी पहुंचाई है। सैनिक कॉलोनी में निगम ने बने बनाए हरे भरे पार्क को उजाडकर निजी बिल्डरों के नाम पांच प्लाटों की रजिस्ट्री कर दी। जबकि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशानुसार किसी भी हरी भूमी, जल श्रोत और वन क्षेत्र को किसी अन्य इस्तेमाल के लिए बदला नहीं जा सकता। आपको बता दे कि इससे पहले एनजीटी फरीदाबाद में ही 31 कंपनीयों को ग्रीन बेल्ट पर कब्जा करने के आरोप में नोटिस जारी कर चुका है। मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होनी है।