ईडी ( प्रवर्तन निदेशालय) ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है, ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में ये कार्यवाही की है। चटर्जी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। ईडी ने कोलकाता में उनके घर पर उनसे गिरफ्तारी से पहले 26 घंटे तक बातचीत की है।
पार्थ की गिरफ्तारी तब की गई जब उनकी खास समझी जानी वाली अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी को 20 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए, ईडी ने उन्हें भी हिरासत में लिया है। 29 जून को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच शुरु की थी। जिसमें सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है और इसे लेकर दो एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
ईडी को संदेह है कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के तहत शिक्षकों को भर्ती के लिए करोड़ों का लेनदेन हुआ है। इस मामले में कई प्रभावशाली लोग नामजद हैं, इनमें से कईं सरकार से भी जुड़े हुए बड़े नाम भी हैं।
इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पाया था कि पार्थ चटर्जी द्वारा बनाई गई एक उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी इस घोटाले की जड़ है। जनवरी 2019 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की देखरख कर रही कमेटी ने अदालत को इसपर संदेहस्पद आंकड़े अदालत के सामने रखे थे। इसपर कोर्ट ने सरकारी सहयाता से चल रहे स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच का आदेश भी जारी किया था।
चटर्जी अब गिरफ्तार हो चुके हैं लेकिन इससे पहले दो बार वो पूछताछ के सिलसिले में 18 मई और 25 मई को सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं।
कौन हैं पार्थ चटर्जी-
पार्थ चटर्जी वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार में वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री हैं। इससे पहले वो वहां के शिक्षा मंत्री थे। वे अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल महासचिव भी हैं। इनके पास संसदीय कार्य मंत्रालय का विभाग भी है। 2014 से 2021 तक चटर्जी ममता बनर्जी की कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थे।
2001 में, पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बेहाला पश्चिम से विधायक चुने गए और तब से दक्षिण कोलकाता सीट पर हैं। 2011 में ममता बनर्जी की पार्टी की सरकार बनने से पहले, चटर्जी 2006 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।