अनूप चौधरी
फरीदाबाद, 25 जून। गांव खंदावली के 16 वर्षीय जुनैद की ट्रेन में चाकू से गोदकर की गई हत्या के बाद समूचे गांव में मातम छाया है। जुनैद के घर के सामने लोगों की भीड़ जरुर है लेकिन बाकि गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है। नमाज पढऩे के लिए मस्जिद तक पहुंचने वाले लोग इसके बाद फिर से घर में कैद हो जाते है, जबकि ईद के इस माहौल में बाकी मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में अमन है, लेकिन यहां जैसे जुनैद के साथ सभी की खुशियां चली गई। हर कोई इस दर्दनाक हादसे की कड़े शब्दों में निंदा कर रहा है।
खंदावली के जलालुद्दीन के 5वें नंबर के बेटे जुनैद की हत्या व घायल शाकिर के मामले में पूरा गांव सदमे में है। गांव के लोगों का मन काम पर जाने को नहीं कर रहा है। गांव के अधिकतर लोग जलालुद्दीन के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े है। गांव के रफीक खां बताते हैं कि वह अपनी स्वयं की गाड़ी चलाते हैं किंतु इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया है। अब केवल यही लग रहा है कि किसी तरह से आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचे और घायल शाकिर अपने घर वापस आ जाए। गांव के जावेद मास्टर कहते हैं कि अब कामकाज में मन नहीं लग रहा है। केवल और केवल चेहेते जुनैद के हत्यारों को सजा मिले। इसी प्रकार गांव के अब्दुल रज्जा भी अपने भरे दिल से यही कहते हैं कि जलालुद्दीन के परिवार को समय रहते इंसाफ मिले। इसके बाद ही कामकाज में मन लगेगा।
जुनैद की मां सायरा ने बताया कि गुरुवार शाम गाजियाबाद-मथु्रा शटल ट्रेन में जुनैद की हत्या करने वालों ने हिंदू-मुस्लिम की बात कहकर पूरे कोच के मुसाफिरों को अपने पक्ष में कर लिया था। इसी कारण कोई यात्री उन्हें बचाने सामने नहीं आया। इस दौरान आरोपियों ने उन्हें मुल्ला कहा और यह भी कहा कि तुम लोग गोश्त खाते हो, इसलिए तुम्हारे दिमाग मे गोबर भरा हुआ है। तुम पाकिस्तानी हो और पाकिस्तान चले जाओ। सायरा ने बताया कि दिल्ली स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज होने के बाद हाशिम ने यह बात उन्हें बताई थी। इस घटना के दौरान हाशिम पर भी चाकू से वार किए गए थे।
सात भाईयों में पांचवें नंबर के 16 वर्षीय जुनैद प्रतिभा के धनी थे। 13 वर्ष की उम्र में ही उसने कुरान शरीफ को कंठस्थ करके हाफिज की उपाधि हासिल कर ली थी। इसके बाद निरंतर तालीम और तकरीर करके वो खुद को मौलवियत की तालीम के लिए तैयार कर रहे थे। तराबीह पूरी होने के बाद नमाजियों से बतौर ईनाम के रुप में मिले 5 हजार रुपए की खुशी में जुनैद रात भर ठीक से नहीं सो पाया था। अपने बड़े भाई हाशिम और गांव के दो अन्य दोस्तों के साथ वह गुरुवार सुबह फज्र की नमाज के बाद ईद की खरीददारी करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो गया था।
जुनैद की मौत और शाकिर की हालत नाजुक होने के गम में गांव खंदावली के लोगों ने काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज अदा करने का फैसला किया है। लोगों का कहना है कि किसी बस्ती से एक मासूम की निर्मम हत्या हो जाने के बाद खुशी के लिए कोई जगह बाकि नहीं रहती है, जबकि यहा हादसा तो एक धार्मिक पहचान के आधार पर संगठित तरीके से किया गया है। यह दुर्घटना नहीं बल्कि मासूमों की जान लेने के लिए योजनाबद्ध तरीके से की गई घिनौनी निंदनीय घटना है। युवा शकील ने बताया कि रोड जाम करके किसी को तकलीफा पहुंचाना बेहतर बात नहीं है बल्कि जिन्होंने गुनाह किया है, उन्हीं को सजा दी जानी चाहिए, जब तक जुनैद के हत्यारों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेंगे। ईद पर काली पट्टी बांधकर इसकी शुरुआत होगी।
ट्रेन में मारे गए हाफिज जुनैद के परिवार सहित गांव खंदावली के लोग शासन-प्रशासन से बेहद खफा हैं। हत्या के तीन दिन बाद भी उनका दुख बांटने के लिए सरकार का कोई मंत्री और नौकरशाह मिलने नहीं पहुंचा है, जिसकी वजह से सरकार के प्रति गांव में नाराजगी है। गुस्सा इस हद तक है कि युवा वर्ग तो यह कहने लगा है कि अगर अन्य घटना की तरह वो भी हादसे के बाद नेशनल हाईवे को जाम कर देते या फिर शव को दफनाने से पहले कोई विरोध प्रदर्शन करते तो फिर सभी मंत्री और अधिकारी मौके पर पहुंच जाते, लेकिन ग्रामीणों ने इतने दर्दनाक हादसे के बाद भी सब्र से काम लिया। जुनैद के पिता जलालुद्दीन का कहना है कि हमें किसी प्रकार की मांग नहीं करनी है, हमारी तो सिर्फ हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके उन्हें कडी से कडी सजा दिलाने की मांग है। दूर दराज से लोग दुख बांटने के लिए आ रहे है, लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से आंसू पोछने वाला कोई नहीं आया है। जुनैद के भाई हाशिम का कहना है कि रेलवे पुलिस की तरफ से कार्रवाही हो रही है, बाकि शासन प्रशासन ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है।
जिसके बाद इलाके के डीसीपी विष्णु दयाल पीडि़त परिवार के घर पहुंचे और उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि वह इंसानियत के नाते उनके बीच आए है। जीआरपी पुलिस ने एक आरोपी को पकड लिया है और अन्य आरोपियों को भी जल्द पकड लिया जाएगा। डीसीपी विष्णु दयाल ने ग्रामीणों से गुजारिश की कि वह किसी भी प्रकार से गुस्से में आकर कोई गलत कदम नहीं उठाए। सोमवार को ईद को त्यौहार है, वह शांति से गांव में ईद मनाएं। सुरक्षा के लिए गांव में एक एसीपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की तैनात की गई है और इस घडी में वह पीडि़त परिवार के साथ है।
वहीं अब जुनैद हत्याकांड के बाद अब पीडि़त परिवार को सांत्वना देने के लिए राजनैतिक दलों ने भी पहल शुरु कर दी है। शनिवार को जहां कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष नेता एवं पूर्व सांसद कामरेड वृंदा करात एवं सांसाद मोहम्मद सलीम सहित अन्य दलों के नेतागण पहुंचे। साथ ही सामाजिक संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधि भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। रविवार को भी जुनैद के घर राजनैतिक व सामाजिक लोगों का शोक प्रकट करने के लिए आवागमन लगा रहा। सभी ने एक स्वर से इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। रविवार को इनेलो पार्टी के कुछ नेताओं ने जुनैद के घर पहुंचकर उसके परिजनों को ढांढस बंधाया और आश्वासन दिया कि इनेलो पार्टी इस संकट की घडी में उनके साथ है।
गांव खंदावली पिछले काफी सालों से पूरे क्षेत्र में लिंग अनुपात में अव्वल स्थान हासिल कर रहा है। यहां 1000लडक़ों पर 1200 लड़कियां हैं। लिंग अनुपात बेहतर होने के चलते सरकार की तरफ से पंचायत को दो बार ईनाम देकर भी सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं गांव के 70 प्रतिशत लोग मौजूदा समय में शिक्षित हैं, गांव का युवा तो पढ़ाई की ओर विशेष ध्यान दे रहा है। गांव की आबादी करीब 5000 है,जिनमें 90 फीसदी जनसंख्या अल्पसंख्यकों की है। गांव में पिछले करीब 5 साल से लडक़ों के मुकाबले लड़कियां की संख्या अधिक रही है। यही कारण है कि गांव को 2012 में तत्कालीन महिला सरपंच नूर निशा को व मौजूदा सरपंच निशार अहमद को प्रशासनिक स्तर पर सम्मानित किया गया। लिंगानुपात बेहतरी के मामले में सरपंच निशार अहमद ने बताया कि उनके स्वयं की दो बेटियां है, जिसके बाद उन्होंने ग्रामीणों में जागरुकता अभियान चलाया।