यह विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा उत्तराखंड के एक छोटे से कस्बे में किराये के टूटे फूटे कमरे में रहकर मुफलिसी में जिंदगी बिता रहे हैं। इंसान की किस्मत का कोई भरोसा नहीं, अन्यथा कभी अहमदाबाद के बड़े उद्योगपतियों में शुमार संतोख सिंह बुमराह आज रोज़ी रोटी के लिए मोहताज़ नहीं होते ।
दरअसल संतोख सिंह बुमराह आज कल बुढ़ापे में अपने पोलियो ग्रस्त छोटे बेटे जसविंदर सिंह के साथ उत्तराखंड में उधमसिंह नगर जिले में किराये के कमरे में रहते हैं और टैम्पू चलाकर अपना और उसका भरण पोषण कर रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्ष 2001 में बेटे की बीमारी के चलते मौत के बाद संतोख सिंह बुरी तरह टूट गए थे और उनकी फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गई थी । बैंको का कर्ज़ा निपटाने के लिए उन्हे तीनों फेक्ट्रियों को बेचना पड़ा । जिसके बाद करोड़पति संतोख सिंह खाकपति हो गये। हालांकि ज़िन्दगी की आखिरी दहलीज़ पर पहुंचे 84 साल के बुज़ुर्ग संतोख सिंह को अपनी मुफलिसी ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है। वह इसे कुदरत का खेल मानते है।
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