शंकरसिंह वाघेला के कांग्रेस छोडने के बाद गुजरात में कांग्रेस का पत्ता बिखर रहा है। 10 दिन में राज्यसभा चुनाव होने हैं और इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन सबसे पहले कांग्रेस में विधायकों के इस्तीफे की झंडी लगी हुई है। अब तक 6 विधायकों का इस्तीफा हो चुका है।
इस हालत में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल का राज्यसभा पहुंचना मुश्किल हो गया है। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 10 करोड़ रुपये कांग्रेस के विधायकों को ऑफर किए जा रहे हैं। आज कांग्रेस ने पुनाभाई गामित को बिठाकर यही बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहलवाई।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों का चुनाव है। इसमें बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उम्मीदवार हैं। बीजेपी के पास दो सीट जीतने का जनमत है लेकिन धनबल, बाहुलबल और सत्ताबल का एक घिनौना षडयंत्र गांधी की भूमि पर खेला जा रहा है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”सत्ता की भूख ने सत्ता के हुक्मरानों को इस कदर अंधा कर दिया कि कांग्रेस के विधायकों को करोड़ों रुपये की रिश्वत और चुनाव की टिकट के साथ तरह तरह प्रलोभन दिए जा रहे हैं। धनबल, सत्ताबल, अधिकारियों और एजेंसियों का दुर्पयोग कर बीजेपी के लोगों द्वारा कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी अध्यक्ष से मिलवाने और चुनाव का खर्चा उठवाने का प्रलोभन दिया जा रहा है।
कांग्रेस के कुल छह विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। ये सभी विधायक शंकरसिंह वाघेला के करीबी बताए जा रहे हैं। इनमें बलवंतसिंह छत्रसिंह राजपूत, पीआई पटेल, तेजस्वीबेन पटेल, तेजश्री पटेल और रामसिंह परमार का नाम शामिल है।
दरअसल सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक बीजेपी इस कोशिश में जुटी है कि गुजरात कांग्रेस के कम से कम 22 विधायक उसका साथ छोड़ दें। ऐसा करने से गुजरात विधानसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या 57 से घटकर 35 हो जाएगी। दूसरी तरफ कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे से विधानसभा की सदस्य संख्या 182 से घटकर 160 हो जाएगी। बीजेपी को इसका फायदा ये होगा सदन की सदस्य संख्या घटने से राज्यसभा में एक सीट की जीत के लिए 40 विधायकों के वोट की जरूरत पड़ेगी।