राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को नगर निगम की साधारण सभा में भाजपा कांग्रेसी पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई। यहां तक की कुछ ने तो लात-घूंसे तक चला दिए। टेबल पर खड़े होकर एक-दूसरे पर कूद पड़े। जनता के प्रतिनिधियों ने ऐसा तमाशा बनाया कि सदन की गरीमा तार-तार हो गई। इस बीच पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। हालांकि, बाद में कांग्रेसी पार्षदों को खींचकर सदन से बाहर ले जाया गया।
इतना सब कुछ होने के बाद भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया। दरअसल, कांग्रेसी पार्षद उमरदराज ने जब शिप्रा पथ थाने में दर्ज एक मामले में पार्षद मुकेश लख्यानी और सांसद रामचरण बोहरा का नाम लिया तो भाजपाई आग बबूला हो गए। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। फिर क्या था, मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि दोनों पार्टी के पार्षद आमने-सामने हो गई और हाथापाई कर डाली।
महिला पार्षद तक इसमें पीछे नहीं रहीं। करीब 15 मिनट तक यह नौटंकी चलती रही। इस बीच 1 घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। भाजपा पार्षद विष्णु लाटा ने नियमों का हवाला देते हुए उमरदराज के निलंबन की मांग की।
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