राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के चलते कंस्ट्रक्शन वर्क पर लगाया गया अपना प्रतिबंध शुक्रवार को वापस ले लिया, इसके साथ ही एनजीटी ने राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश को अनुमति देते हुए प्राधिकारों से उनकी आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने को कहा। हालांकि, एनजीटी ने एनसीआर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक गतिविधियों पर अपना प्रतिबंध वापस लेने से मना कर दिया है। एनजीटी ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दो हफ्ते के भीतर प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर अपनी कार्य योजना सौंपने को कहा है। एनजीटी ने पूछा है कि प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या किया, एक्शन प्लान बताएं।
इसके साथ ही एनजीटी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो तो बंद हो स्कूल। एनजीटी ने निर्देश दिया कि पीएम-2।5 का स्तर 300 से अधिक हो तो स्कूल बंद होने चाहिए। इसके साथ ही पीएम-10 का स्तर 500 से अधिक होने पर स्कूल बंद होने चाहिए। एनजीटी के के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा, ‘‘उद्योग, कचरा और पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के संबंध में सभी निर्देश लागू रहेंगे।’’
पीठ ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण को हरी झंडी दे दी लेकिन कहा है कि धूल से प्रदूषण नहीं होना चाहिए। कार्यवाही दिन में सवा ग्यारह बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन न्यायमूर्ति दलिप सिंह की सेवानिवृत्ति का हवाला देते हुए पीठ ने खुद ही साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू की और निर्देश जारी किए। पीठ ने कहा कि सम-विषम योजना पर वह दिल्ली सरकार की दूसरी याचिका पर आज सुनवाई करेगी।