भारतीय टीम केपटाउन टेस्ट में मिली हार को पीछे छोड़ वापसी की तैयारी में जुट चुकी है और पहले टेस्ट में बेंच पर बैठे खिलाड़ियों पर एक बार फिर से फोकस है। केपटाउन में टेस्ट टीम की पहली पसंद रहे अजिंक्य रहाणे, लोकेश राहुल और ईशांत शर्मा प्लेइंग इलेवन में नहीं चुने गए, लेकिन काफी आलोचना के बाद सेंचुरियन में टीम इंडिया बदली हुई दिख सकती है।अजिंक्य रहाणे की वापसी जहां लगभग तय मानी जा रही है, तो वहीं लोकेश राहुल को लेकर भी दिलचस्पी बनी रहेगी। केपटाउन टेस्ट के बाद विराट कोहली ने बताया था कि राहुल पर शिखर धवन को तरजीह क्यों दी गई थी
विराट ने कहा ‘हमारा मानना है कि बांए हाथ का बल्लेबाज टीम के लिए मददगार साबित होता है। दक्षिण अफ़्रीका के पास 2 बांए हाथ के बल्लेबाज़ हैं। क्विंटन डि कॉक और डीन एल्गर। बांए हाथ के बल्लेबाज के होने से टीम में विवधता आती है जिससे गेंदबाजों को एक लाइन से गेंदबाजी करने में दिक्क़त पेश होती है। बल्लेबाजों के लिए ये फायदेमंद है और इससे स्ट्राइक रोटेशन आसान होता विराट ने कहा ‘हमारा मानना है कि बांए हाथ का बल्लेबाज टीम के लिए मददगार साबित होता है। दक्षिण अफ़्रीका के पास 2 बांए हाथ के बल्लेबाज़ हैं। क्विंटन डि कॉक और डीन एल्गर। बांए हाथ के बल्लेबाज के होने से टीम में विवधता आती है जिससे गेंदबाजों को एक लाइन से गेंदबाजी करने में दिक्क़त पेश होती है। बल्लेबाजों के लिए ये फायदेमंद है और इससे स्ट्राइक रोटेशन आसान होता है’।
विराट ने कहा कि ‘अगर केपटाउन की तरह ही पिच मिली तो मेरा मानना है कि हम उनकी बल्लेबाजी को दबाव में ला सकते हैं।।और बल्लेबाज़ी में जमकर खेले तो नतीजा भी पक्ष में हो सकता है’। टीम इंडिया भले ही अगले मैच में अपने मौक़ों को भुनाने की सोच रही हो लेकिन उससे पहले केपटाउन की ही तरह मौके बनाने होंगे, जिसके लिए टीम कॉम्बिनेशन पर माथापच्ची जरूरी है।
अगर 6 बल्लेबाज़ खेलेंगे तो बाहर कौन जाएगा? अगर 4 तेज गेंदबाज खेलेंगे तो किसे बाहर किया जाएगा? इनके जवाब में ही टीम इंडिया की वापसी की राह है