केपटाउन टेस्टा में 72 रन से मिली हार के साथ ही टीम इंडिया, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्टस की सीरीज में 0-1 से पिछड गई है। पहले टेस्टम में भारतीय बल्लेंबाजों को दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के खिलाफ खासा संघर्ष करना पड़ा। पहली पारी में विराट की टीम 209 रन बना पाई जबकि दूसरी पारी में वह महज 135 रन बनाकर आउट हो गई। ऐसे समय जब टीम के दिग्गटज खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं, भारतीय टीम के पूर्व ओपनर विरेन्द्र सहवाग ने विराट ब्रिगेड को बल्लेटबाजी के लिहाज से अहम सलाह दी है। सहवाग ने विराट की टीम को सलाह दी है कि वह बैटिंग के दौरान ऑफ स्टंबप के बाहर की अधिक से अधिक गेंदों को छोड़ दें। सीरीज का दूसरा टेस्टद मैच 13 जनवरी से सेंचुरियन में खेला जाना है।
अपनी आक्रामक शैली के कारण दुनिया की नामी गेंदबाजों को परेशानी करने वाली सहवाग ने एक न्यू ज चैनल से बातचीत में कहा, ‘मेरी टीम इंडिया के बल्लेोबाजों को सलाह है कि वे ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को नहीं छेड़ें। जितना सीधे बल्लेी से खेल सकते हैं, खेलें। आपको स्ट्रेेट ड्राइव और फ्लिक जैसे शॉट्स पर ज्याेदा निर्भर होना होगा। विपक्षी गेंदबाजों की ओर से शॉर्टपिच गेंदों के लिए तैयार रहें। शॉर्ट बॉल पर ताबड़तोड़ शॉट लगाने के बजाय इन्हेंस अपने शरीर पर झेलने के लिए भी भारतीय बल्लेिबाजों को तैयार रहना होगा। ‘ वीरू ने कहा कि टेनिस बॉल को भी दक्षिण अफ्रीका में उछाल मिलता है, ऐसे में किसी बल्ले बाज को बोल्डप होना बेहद मुश्किल होगा। ऐसे में आपको सकारात्मफक मानसिकता के साथ तीन रन प्रति ओवर के आसपास का औसत रखते हुए स्कोडर बढ़ाना होगा। गौरतलब है कि सहवाग ने अपने करियर के पहले टेस्टर में ही शतक जमाया था। उन्होंाने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोिमफोंटेन में वर्ष 2001 में यह शतकीय पारी खेली थी।
वैसे, सहवाग ने माना कि केपटाउन टेस्टि हारने के बाद भारतीय टीम के सीरीज में वापसी के अवसर 30 फीसदी के आसपास हैं। उन्होंाने कहा, मेरे विचार से भारतीय टीम के सीरीज में वापसी के अवसर 30 प्रतिशत है। सीरीज में वापसी करना भारतीय टीम के लिए बेहद मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया को आगे के मैचों में छह विशेषज्ञ बल्लेतबाजों और चार गेंदबाजों (एक विकेटकीपर) के साथ उतरना चाहिए।