यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दो पूर्व विधायकों सहित कई लोगों ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजुदगी में बीजेपी का साथ छोड़कर सपा का दामन थामा है। सपा में शामिल होने वालों में पूर्व विधायक श्याम लाल रावत और महेश वाल्मीकि शामिल हैं।
बाजपे के पूर्व विधायक के शामिल होने की मौजूदगी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, “इन नेताओं के अलावा डॉक्टर आशुतोष, डॉ। नवल किशोर चौधरी, डॉ। सीमा सिंह और अन्य प्रोफेसर भी समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। हम चाहते हैं कि जो भी प्रबुद्घ लोग सपा में शामिल होना चाहते हैं, उनके लिए दरवाजा खुला है। ऐसे लोगों से पार्टी मजबूत होगी।”
अखिलेश यादव ने सूबे में कानून-व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि ‘पुलिस लोगों पर अत्याचार कर रही है। किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है। राजनीति से जुड़े लोग पुलिस पर दबाव बना रहे हैं। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “सुना है डीजीपी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं क्योंकि दिन अच्छे नहीं हैं।” अखिलेश का यह कटाक्ष नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ।पी। सिंह को लेकर था जिनके बारे में कहा जा रहा है कि खरवास के महीने के कारण वह ज्वाइन नहीं कर रहे हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “मैं तो भाजपा को ऐसी पार्टी नहीं मानता था। मुख्यमंत्री नोएडा जाकर इसका सबूत भी दे चुके हैं, हालांकि इसके परिणाम बाद में दिखेंगे। लेकिन, पुलिस अधिकारी का ज्वाइन न करना सवाल उठाता है।”
अखिलेश ने गोरखपुर महोत्सव पर कहा कि अब तो बराबरी हो गई है। हम लोग कला को पसंद करने वाले हैं, हमें आपत्ति क्यों होगी। लेकिन जब महोत्सव हो रहा है तो सैफई से अच्छा हो।बाराबंकी में जहरीली शराब से मौत पर अखिलेश ने कहा, “हमारी सरकार में जब ऐसी घटना होती थी तो भाजपा वाले सवाल उठाते थे। यह घटना बड़ी है, सरकार को जांच करानी चाहिए। मृतकों को मुआवजा मिलना चाहिए। सरकार मृतकों के परिवार को 10 लाख मुआवजा दे।”