सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद मेडिकल कॉलेजों में दाखिला देने से जुड़े घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। घोटाले में शामिल जज घूस के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। सीबीआई को जांच के दौरान रिकॉर्ड की गई टेलीफोन बातचीत से पता चला है कि घोटाले में शामिल जज घूस लेने के लिए ‘प्रसाद’,’मंदिर’,’बही’,’गमला’ और ‘सामान’ जैसे कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे।
इस मामले में ओडिशा के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है और वह फिलहाल जेल में हैं। रिकॉर्ड की गई बातचीत में जो लोग बात रहे हैं उसमें एक आवाज कुद्दुसी की बताई जा रही है। वहीं दूसरी आवाज बिचौलिए बिचौलिये विश्वनाथ अग्रवाल और प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के बीपी यादव की है।
इस रिकॉर्ड बातचीत में उन्होंने न केवल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को कानूनी मदद मुहैया कराई बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में उनको राहत देने वाले फैसला का वादा किया था। मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के दो मौजूदा जज भी सीबीआई की जांच के घेरे में हैं। प्रसाद मेडिकल कॉलेज उन 46 कॉलेजों में से था जिस पर मेडिकल दाखिले पर रोक लगी थी क्योंकि वो पैमाने पर खरा नहीं था। इन बिचौलियों को मोदी सरकार का भी डर सता रहा है। बिचौलिए आपस में बात करते हुए कहते हैं कि चायवाले की सरकार सब देख रही है।
बातचीत में बिचौलिया विश्वनाथ अग्रवाल रिटायर्ड जज कुद्दुसी को आश्वस्त करता हुए कहता है कि उनके ‘फादर’ और ‘कैप्टन’ सब कुछ करने को तैयार हैं। वे अपना 100 प्रतिशत देंगे। वहीं अग्रवाल कालेज मालिक बीपी यादव से कहा है कि अगर ‘प्रसाद’ नहीं दिया गया तो ये मसला सुलझेगा नहीं। हालांकि सीबीआई ने इसकी पुष्टि नहीं की लेकिन इसे नकारा भी नहीं हैं। बिचौलिए अग्रवाल को यह भी भरोसा था कि उसे ‘इलाहाबाद के मंदिर’ और ‘दिल्ली के मंदिर’ से अपने हित में फैसला मिलेगा। इस बातचीत में कॉलेज मालिक यादव पैसों की बात करते हुए बिचौलिए से कहता है कि, ढाई के अंदर करवा दो यार, मेरी क्षमता ढाई तक की ही है। देखो जैसा बोला गया है तुम अभी दो लोगे हमसे। एडमिशन हो जाएगा तो हम एक करोड़ जज को भेज देंगे।